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Himachal High Court: लापता बेटे की तलाश में दुखियारी मां की गुहार, हाई कोर्ट के आदेश पर गृह सचिव की तरफ से पेश एक्शन टेकन रिपोर्ट से अदालत नाखुश - rampur missing boy case

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने रामपुर के लड़के के गुमशुदगी मामले में ठोस कार्रवाई नहीं होने पर राज्य सरकार पर नाराजगी जताई है और कानूनी कार्रवाई में हो रही देरी को लेकर भी हिमाचल हाई कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है. (Himachal High Court) पढ़ें पूरी खबर...

Himachal Pradesh High Court on govt
हिमाचल हाई कोर्ट. (फाइल फोटो)

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Published : Aug 18, 2023, 3:41 PM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने रामपुर के लड़के के गुमशुदगी मामले में अब राज्य सरकार से नई स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. दरअसल, दो साल पहले रामपुर निवासी मैना देवी का बेटा लापता हो गया था. वहीं, पुलिस के पास शिकायत के बावजूद जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो दुखियारी मां ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर गुहार लगाई. हाई कोर्ट ने पुलिस की लचर कार्यप्रणाली पर राज्य सरकार को फटकार लगाई और गृह विभाग से एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की. अदालती आदेश के बाद राज्य सरकार के गृह सचिव ने रिपोर्ट तो पेश कर दी, लेकिन हाई कोर्ट इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है.

12 सितंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई:दरअसल, अदालत ने सख्त आदेश दिया है कि नई रिपोर्ट में दोषी पुलिस अफसर के खिलाफ लिए गए एक्शन का विस्तार से उल्लेख होना चाहिए. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने राज्य सरकार के गृह सचिव को आदेश दिए हैं कि इस मामले में कोताही न बरती जाए. साथ ही अदालत ने पुलिस की लचर कार्यप्रणाली पर भी सख्त नाराजगी जताई है. बता दें, खंडपीठ ने मामले की सुनवाई आगामी 12 सितंबर को निर्धारित की है.

दो साल पहले दर्ज करवाई गई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट:मामले के अनुसार, रामपुर निवासी मैना देवी ने अपने बेटे सुरेश कुमार की गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. ये रिपोर्ट पुलिस थाना रामपुर में दर्ज की गई. दो साल पहले 30 जुलाई को दर्ज करवाई गई रिपोर्ट पर रामपुर पुलिस ने अप्रैल 2022 तक कोई एक्शन नहीं लिया. तब सुरेश कुमार की मां ने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम चिट्ठी लिख कर अपनी पीड़ा बताई. मामला हाई कोर्ट पहुंचा और अदालत ने 19 जुलाई को गृह सचिव से इस मामले में एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की. अब हाई कोर्ट गृह सचिव की दी गई रिपोर्ट से नाखुश है. पिछली सुनवाई में अदालत ने गृह सचिव से पूछा था कि रामपुर में लापता लड़के को ढूंढने में नाकाम रहे एसएचओ के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई.

हाई कोर्ट ने पूर्व में गृह सचिव और एसएचओ रामपुर को नोटिस जारी किए थे. वहीं, हाई कोर्ट की ओर से नोटिस जारी होने के बाद 11 मई 2022 को पहली बार पुलिस ने हाई कोर्ट ने भरोसा दिलाया था कि लापता युवक को तलाशने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे. हाई कोर्ट ने पाया कि ऐसे गंभीर मामले में पुलिस लापरवाही कैसे कर सकती है? कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए है कि वह बताएं कि तात्कालिक एसएचओ के खिलाफ इस लचर कार्य प्रणाली के लिए क्या कार्रवाई की गई है. अब गृह सचिव को नए सिरे से स्टेट्स रिपोर्ट पेश करनी होगी.

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