शिमला: हरियाणा के चरस तस्कर को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है. पानीपत के मॉडल टाउन के रहने वाले राजिंद्र कुमार को निचली अदालत ने चरस तस्करी के मामले में दस साल का कठोर कारावास और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा दी थी. तस्कर ने निचली अदालत की सजा को अपील के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने सुनवाई में पाया कि निचली अदालत ने ढाई किलो चरस रखने के दोषी को बरकरार रखा जाना चाहिए. (Himachal High Court) (Himachal High Court On Drug Smuggler) (Drug Smuggler Rajindra Kumar of Panipat)
हाईकोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना व न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने निचली अदालत के फैसले पर अपनी मुहर लगाई. खंडपीठ ने कहा कि निचली अदालत का फैसला तर्कसंगत है और उसमें किसी भी फेरबदल की आवश्यकता नहीं है. मामले के अनुसार 19 मार्च 2017 को पुलिस ने कुल्लू जिला की आनी तहसील के कोटनाला नामक स्थान पर नाका लगाया हुआ था. सुबह करीब साढ़े 9 बजे राजिंद्र लूहरी की तरफ पैदल जा रहा था. उसके हाथ में एक बैग भी था. पुलिस को देखते ही वह घबरा गया और बैग में क्या है, ये बता नहीं पाया. संदेह के आधार पर चेकिंग करने पर पुलिस ने उसके थैले से 2 किलो 570 ग्राम चरस बरामद की.