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Himachal High Court: डिप्टी सीएम व सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका की गुणवत्ता पर सरकार ने उठाया सवाल, 3 अक्टूबर तक टली सुनवाई

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में डिप्टी सीएम व सीपीएस की नियुक्ति के खिलाफ याचिका दायर की गई है. जिसको लेकर सरकार ने डिप्टी सीएम व सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए हैं. मामले में अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी. (Himachal High Court) (Deputy CM and CPS appointment challenging Petition).

Himachal High Court
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 19, 2023, 7:02 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में डिप्टी सीएम सहित सीपीएस की नियुक्तियों को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इस संदर्भ में विभिन्न याचिकाएं दाखिल की गई हैं. मामले में दाखिल सभी याचिकाओं की गुणवत्ता पर राज्य सरकार ने सवाल उठाया है. राज्य सरकार ने इसी आधार पर याचिकाओं को खारिज करने को लेकर हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन दाखिल किया है. अब हाईकोर्ट में इस मामले में 3 अक्टूबर को सुनवाई रखी गई है. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति बीसी नेगी की खंडपीठ सुनवाई कर रही है.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल सरकार में मुकेश अग्निहोत्री डिप्टी सीएम के तौर पर कार्य कर रहे हैं. इसके अलावा राज्य सरकार ने मोहन लाल ब्राक्टा, आशीष बुटेल, रामकुमार चौधरी, किशोरी लाल, सुंदर ठाकुर, संजय अवस्थी को सीपीएस बनाया है. भाजपा नेता सतपाल सिंह सत्ती सहित मंडी निवासी कल्पना देवी ने उक्त नियुक्तियों को नियमों के खिलाफ बताते हुए याचिका के माध्यम से चुनौती दी है.

इसी मामले में राज्य सरकार के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने भी एक आवेदन के माध्यम से नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं. डिप्टी सीएम की ओर से पैरवी करने वाले हिमाचल के पूर्व एडवोकेट जनरल श्रवण डोगरा मुकेश अग्निहोत्री को इस मामले में निजी प्रतिवादी बनाए जाने पर कड़ी आपत्ति जता चुके हैं. उनका कहना है कि पूरे देश में लगभग 11 उप मुख्यमंत्री संवैधानिक प्रावधानों के तहत नियुक्त किए गए हैं. उन्होंने डिप्टी सीएम को इस मामले से बाहर किए जाने की गुहार भी लगाई है.

वहीं, भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती सहित 11 अन्य विधायकों ने नियुक्तियों को चुनौती दी हुई है. सतपाल सिंह सत्ती व अन्य की तरफ से सीनियर एडवोकेट सतपाल जैन मामले की पैरवी कर कर रहे हैं. वहीं, राज्य सरकार में उक्त नियुक्तियों के खिलाफ दाखिल की गई याचिकाओं में कहा गया है कि पंजाब में भी ऐसी नियुक्तियां की गई थीं, जिन्हें बाद में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने असंवैधानिक ठहराया है. फिलहाल अब मामले पर सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी.

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