शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट (Himachal High Court) ने रिटायर असिस्टेंट रजिस्ट्रार की अवैध तरीके से रोकी गई ग्रेच्युटी पर ब्याज न देने को लेकर कड़ा संज्ञान लिया है. हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की ग्रेच्युटी पर ब्याज के साढ़े 4 लाख रुपये का भुगतान करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने सहकारिता पंजीयक (Registrar Of Cooperative Department) को इस मामले में कारण बताओ नोटिस भी जारी किया. सख्ती दिखाते हुए हाई कोर्ट ने कहा है कि क्यों न ब्याज की राशि रजिस्ट्रार हिमाचल प्रदेश कोऑपरेटिव सोसायटी से वसूली जाए?
हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई चार मार्च को निर्धारित की है. कोर्ट ने सहकारिता विभाग के सचिव को आदेश दिए हैं कि वह चार हफ्ते के भीतर मामले की जांच करे और दोषी अधिकारियों से ब्याज की राशि वसूले. इस मामले में रोशन लाल खजूरिया की याचिका को स्वीकार करते हुए अदालत ने उक्त आदेश दिए.
मामले के अनुसार सहकारिता विभाग ने याचिकाकर्ता को 29 जून 2017 को निलंबित किया था. अगले ही दिन वह सहायक पंजीयक के पद से सेवानिवृत्त हो गया. संबंधित विभाग ने 18 जुलाई 2017 को उसके खिलाफ आरोपपत्र जारी कर दिया. साथ ही उसके सारे वित्तीय लाभ रोक दिए. याचिकाकर्ता के खिलाफ विभाग ने सेवा में कोताही का आरोप लगाया था. इस आरोप पत्र को याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष चुनौती दी.