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Himachal High Court: अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी को हाईकोर्ट की फटकार, जानिए क्यों देना होगा एनएमसी और यूनिवर्सिटी को दो-दो लाख मुआवजा

अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी में फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद यूनिवर्सिटी ने खाली हुई एमबीबीएस की सीट नहीं भरी थी. जिसके खिलाफ याचिका पर हिमाचल हाईकोर्ट ने सुनवाई की. मामले में कोर्ट ने अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी को फटकार लगाई और एनएमसी और यूनिवर्सिटी को दो-दो लाख मुआवजा देने के आदेश दिए. पढ़िए पूरी खबर.(Himachal High Court)( Atal Medical University)

Himachal High Court
हिमाचल हाईकोर्ट

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Published : Jul 15, 2023, 6:51 AM IST

शिमला: अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी नेरचौक को हिमाचल हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है. अदालत ने नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) अटल यूनिवर्सिटी प्रशासन को दो-दो लाख रुपए मुआवजा देने के आदेश भी जारी किए हैं. यही नहीं, हाईकोर्ट ने कमीशन और यूनिवर्सिटी को दस-दस हजार रुपए जुर्माना भरने के आदेश भी दिए हैं. मामला एमबीबीएस की खाली सीट को न भरने से जुड़ा है. दरअसल, एक फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद यूनिवर्सिटी ने खाली हुई एमबीबीएस की सीट नहीं भरी थी. इस पर मामला याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट तक पहुंचा था.

अदालत ने प्रार्थी संजना ठाकुर को एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश न देने पर नेशनल मेडिकल कमीशन और अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी को मुआवजा देने व हर्जाना भरने के आदेश दिए. हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मुआवजे और हर्जाने की राशि अदा करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है. इसके साथ ही अदालत ने

मौजूदा सत्र में एमबीबीएस की एक सीट बढ़ाने के बाद याचिकाकर्ता को प्रवेश देने के आदेश भी पारित किए. मामले के अनुसार प्रार्थी संजना ठाकुर ने अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की दो खाली सीटों को भरने की गुहार लगाई थी. अदालत के समक्ष दलील दी गई कि 2022-23 के शैक्षणिक सत्र में दो अभ्यर्थियों के फर्जी दस्तावेज पाए जाने के कारण यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की दो सीटें खाली रह गई है. प्रार्थी ने नीट परीक्षा में 508 अंक हासिल किए थे. अटल यूनिवर्सिटी में 479 अंकों वाली अंतिम छात्रा को एमबीबीएस में प्रवेश दिया गया था.

फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद दो सीटें खाली होने के कारण प्रार्थी का प्रवेश संभव हो सकता है. यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से अदालत को बताया गया कि कार्तिक शर्मा और शिवानी शर्मा के फर्जी दस्तावेज पाए जाने के कारण दो सीटें खाली रह गई है. इस पर हाईकोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि एमबीबीएस की पढ़ाई नवंबर 2022 को शुरू हो गई है और राष्ट्रीय मेडिकल आयोग व अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी ने अभी तक इस मामले में जवाब दायर नहीं किया है. कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादियों के इस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से होनहार छात्रा को एमबीबीएस में समय पर प्रवेश नहीं मिल पाया.

कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय मेडिकल आयोग व यूनिवर्सिटी ने 17 जनवरी 2023 के पत्र का जवाब 19 जून 2023 को दिया. जवाब के माध्यम से यह अवगत करवाया गया कि एमबीबीएस की प्रवेश के लिए अंतिम तिथि 29 दिसंबर 2022 थी. सत्र खत्म होने के कारण अब इस मामले में प्रार्थी का दाखिला नहीं हो सकता. कोर्ट ने प्रतिवादियों के आचरण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि आयोग ने समय से जवाब दिया होता तो याचिकाकर्ता का दाखिला पिछले सत्र में ही हो जाता. अदालत ने अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी की कार्यप्रणाली पर सख्त नाराजगी जताई और कहा कि खाली सीटों के बारे में 17 जनवरी 2023 को आयोग को बताया गया.

हालांकि, एमबीबीएस मेें प्रवेश की तिथि 29 दिसंबर 2022 तक थी. आयोग और यूनिवर्सिटी के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण याचिकाकर्ता को एमबीबीएस में दाखिला नहीं दिया गया. अब दोनों संस्थाओं को दो-दो लाख मुआवजा व दस-दस हजार रुपए हर्जाना भरने के साथ एमबीबीएस में प्रार्थी को प्रवेश भी देना होगा.
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