हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

कांग्रेस विधायक की सिफारिश पर किए तबादले को हाईकोर्ट ने किया रद्द, सरकार की कार्यप्रणाली पर भी प्रतिकूल टिप्पणी

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विधायक अजय सोलंकी की सिफारिश पर किए गए तबादले को रद्द कर दिया है. साथ ही सरकार की कार्य प्रणाली को लेकर भी टिप्पणी किया है. पढ़िए पूरी खबर....

Etv Bharat
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

By

Published : Jun 30, 2023, 8:46 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट लंबे समय से मंत्रियों-विधायकों आदि की सिफारिश पर किए गए तबादलों को रद्द करता आ रहा है, लेकिन राजनीतिज्ञों की यह प्रवृत्ति थम नहीं रही. अब कांग्रेस के विधायक अजय सोलंकी की सिफारिश पर किए गए तबादले को हिमाचल हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. साथ ही सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रतिकूल टिप्पणी भी की है.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने नाहन से कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी की सिफारिश पर की गई ट्रांसफर को कैंसिल कर दिया है. खंडपीठ ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि ऐसे मामलों में बार-बार पारित किए गए फैसलों के बावजूद प्रशासनिक कार्यप्रणाली में कमी पाई गई है. अधिकांश मामलों में सक्षम अधिकारी सियासी सिफारिशों के अनुरूप ही तबादला आदेश पारित करते हैं.

ऐसे में जब मामला न्यायालय के समक्ष आता है तो अदालतें अपना संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करती हैं और मूकदर्शक बनकर नहीं बैठी रह सकती. खंडपीठ ने कहा कि संवैधानिक दायित्व उन्हें मूक बैठने की इजाजत नहीं देता. यही नहीं, हाईकोर्ट ने अपने निर्णय की अनुपालना के लिए इस फैसले की प्रति मुख्य सचिव को भेजने के निर्देश भी जारी किए हैं.

डाइट नाहन के लिए हुआ था सिफारिशी तबादला:सिरमौर जिला में डाइट नाहन के लिए राजवीर ठाकुर का तबादला प्रधानाचार्य के पद पर किया गया. राजवीर को डाइट नाहन में प्रधानाचार्य के पद पर समायोजित करने के लिए कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी ने सिफारिश की थी. विधायक की इस सिफारिश पर तुरंत अमल करते हुए संबंधित विभाग ने राजवीर ठाकुर को डाइट नाहन स्थानांतरित करने के आदेश पारित कर दिए. इसके अलावा पहले से वहां कार्यरत ऋषि पाल शर्मा को सिरमौर के जैहर स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया.

ऋषि पाल शर्मा ने इस फैसले को याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. याचिका में अदालत के समक्ष दलील दी गई थी कि उसका तबादला केवल प्रतिवादी राजवीर ठाकुर को समायोजित करने के लिए किया गया है. प्रार्थी को स्थानांतरित करने के लिए विभाग के पास कोई भी जनहित और प्रशासनिक जरूरत का तर्क नहीं थी. ऐसे में राजनीतिक सिफारिश के कारण ही उसका तबादला किया गया.

याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि विधानसभा सदस्य या मंत्रियों को तबादले के लिए सिफारिशें करने का अधिकार है, लेकिन इन सिफारिशों को अंतिम नहीं माना जा सकता है. स्थानांतरण का मूल सिद्धांत जनहित या प्रशासनिक जरूरत है. विभाग को जनहित और प्रशासनिक आवश्यकता बताते हुए तबादला करना होता है.

हाईकोर्ट ने पाया कि डाइट में शिक्षकों की तैनाती के लिए चयन पॉलिसी बनाई गई है. उसका पालन होना चाहिए. हाईकोर्ट ने इसके साथ ही याचिकाकर्ता के तबादला आदेशों को बरकरार रखते हुए स्थानांतरित स्कूल में ज्वाइन करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने विभाग को आदेश दिए कि वह निर्धारित चयन प्रक्रिया के तहत डाइट नाहन में प्रधानाचार्य का पद भरे.

ये भी पढ़ें:लोकसेवा आयोग ने रद्द किए थे एचजेएस परीक्षा के 1700 आवेदन, जानिए हाईकोर्ट ने कौन सी याचिकाएं की खारिज

ABOUT THE AUTHOR

...view details