शिमला:हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने टाउन हॉल शिमला में फूड कोर्ट के संचालन पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने फूड कोर्ट संचालक देवयानी इंटरनेशनल कंपनी को आदेश दिए कि वह अगली सुनवाई तक टाउन हॉल में फूड कोर्ट का संचालन न करे. मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने कहा कि टाउन हॉल शिमला शहर का बहुत प्रतिष्ठित ऐतिहासिक स्थल रहा है. इसे हाल ही में एशियन विकास बैंक के सहयोग से भारी खर्च कर पुनर्निर्मित किया गया.
कोर्ट ने कहा कि विरासत स्थल हमेशा अनमोल होते हैं. प्राचीन युग की साक्षी रही हेरिटेज बिल्डिंग एक खजाना है, इसलिए इसे सार्वजनिक ट्रस्ट में माना जा सकता है. इस विरासत को संरक्षित करना होगा. प्रतिष्ठित इमारत में फूड कोर्ट चलाने से इस संपत्ति पर लगातार दबाव बढ़ेगा, जो इसके विरासत मूल्य को खतरा पैदा करेगा. कोर्ट ने इस मामले में जनहित को निजी हित से ऊपर बताया.
हाई कोर्ट ने कहा कि फूड कोर्ट चलाने से बिल्डिंग को अपूरणीय क्षति पहुंचेगी. कोर्ट ने नगर निगम शिमला के कमिश्नर को आदेश दिए कि वह इस आदेश का तत्काल अनुपालन सुनिश्चित करें. कोर्ट ने खेद जताते हुए कहा कि मामले को दो दिनों तक लगातार सुनने के पश्चात अनेकों महत्वपूर्ण प्रश्न उत्पन्न हुए, लेकिन आधिकारिक उत्तरदाताओं चाहे वे राज्य सरकार हो या नगर निगम हो या एचपी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बैंक, किसी ने भी उन प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया. कोर्ट ने महाधिवक्ता कार्यालय के माध्यम से राज्य विरासत सलाहकार समिति को इस मामले के सभी पहलुओं पर गौर करने का आदेश भी दिया और अगली तारीख तक एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है.