शिमला: राजधानी शिमला में अकसर पेयजल की किल्लत पेश आती है. पानी की कमी को लेकर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को आदेश जारी किए हैं कि गिरि नदी पर बांध बनाने के लिए तुरंत आवश्यक कदम उठाए जाएं. साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाए कि गिरि नदी (Dam on the Giri river) में किसी भी तरह का मलबा न गिराया जाए.
हाईकोर्ट (Himachal High Court) के एडवोकेट विजय अरोड़ा ने शिमला शहर में पानी की कमी से जुड़ी जनहित याचिका अदालत में दाखिल की हुई है. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने कहा कि गिरि नदी पर बांध यानी डैम बनाने के इंतजाम किए जाएं. गिरि नदी पर बांध के निर्माण के लिए तैयार की गई डीपीआर का रिकार्ड हाईकोर्ट के समक्ष रखा गया है.
अदालत ने रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि गिरि नदी पर डैम के निर्माण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 22 जुलाई 2019 को बैठक की गई थी. उस बैठक में डैम निर्माण से जुड़ी परियोजना को मात्र इस कारण से स्थगित किया गया कि गिरि नदी पर ऐसे निर्माण के लिए किसी भी तरह की आवश्यकता नहीं है. हाईकोर्ट ने कहा कि उक्त बैठक कोविड-19 से पहले की गई थी.