शिमला:सड़क दुर्घटनाओं के दौरान गंभीर रूप से घायल लोगों की जान बचाने के लिए ट्रामा सेंटर की भूमिका बहुत अहम होती है. ट्रामा सेंटर की सुविधा के कारण समय पर इलाज मिलने से अनमोल जीवन बचाए जा सकते हैं.दरअसल, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने ट्रामा सेंटर की अहमियत को देखते हुए राज्य के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल के ट्रामा सेंटर की जांच के आदेश जारी किए हैं. अदालत ने इसके लिए भारत सरकार के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल को तैनात किया है.
इस संदर्भ में अदालत में दाखिल की गई जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पूछा है कि क्या इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इस समय ट्रामा सेंटर फंक्शनल है या नहीं? इसके साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल चंबा और डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल टांडा में ट्रामा सेंटर की जानकारी भी तलब की है. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 17 अक्टूबर को निर्धारित की है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि जब तक आईजीएमसी अस्पताल शिमला में ट्रामा सेंटर का निर्माण नहीं हो जाता तब तक नये ओपीडी ब्लॉक के धरातल व प्रथम मंजिल को ट्रामा सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किया जाए.