शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह उन याचिकाकर्ता डॉक्टरों को पीजी कोर्स या सुपर स्पेशलिटी कोर्स करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (no objection certificate) जारी करे जिन्होंने दो वर्ष की सेवाएं पूरी कर ली हैं. न्यायाधीश संदीप शर्मा ने प्रार्थी डॉक्टर मनोज शर्मा और अन्य डॉक्टरों द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किये.
अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि वह प्रार्थियों को बीस जुलाई तक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करे ताकि वे अपनी सुपर स्पेशलिटी कोर्स पूरा कर सके. अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि वह प्रदेश और प्रदेश के बाहर सुपर स्पेशलिटी कोर्स करने के लिए वर्ष 2019 में बनाई गई पॉलिसी में आवश्यक चार/पांच वर्ष की सेवा काल अवधि को संशोधित कर दो साल करे.
मामले में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी एमबीबीएस (Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery) की पढ़ाई करके प्रदेश सरकार में डॉक्टर के तौर पर अपनी सेवाए दे रहे हैं. उसके बाद प्रार्थियों ने वर्ष 2017 कि पॉलिसी के अनुसार पीजी कोर्स (Postgraduate education) किया और लगातार राज्य सरकार के अस्पताल में सेवाएं भी दे रहे हैं.