शिमला:हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने साफ किया है कि राज्य में कुछ कैटेगरी के कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों के लिए बनाए गए कांप्रिहेंसिव गाइडिंग प्रिंसिपल-2013 को सख्ती से लागू किया जाएगा. इसका मकसद प्रशासन को पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है. सरकार की मानें तो सुशासन के लिए संवेदनशीलता और पारदर्शिता नितांत आवश्यक है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि उनकी सरकार के लिए सुशासन महत्वपूर्ण है. राज्य सरकार ने प्रदेश में सुशासन सुनिश्चित करने के लिए सरकार के कामकाज में पारदर्शिता, निष्पक्षता रखने की दिशा में इन नियमों का लागू करने का फैसला लिया है.
पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन के लिए Comprehensive Guiding Principles को सख्ती से लागू करेगी सुक्खू सरकार - Comprehensive Guiding Principles
हिमाचल सरकार ने साफ किया है कि राज्य में कुछ कैटेगरी के कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों के लिए बनाए गए कांप्रिहेंसिव गाइडिंग प्रिंसिपल-2013 को सख्ती से लागू किया जाएगा. (Comprehensive Guiding Principles)
सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि सरकार ने अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादलों को रेगुलेट करने के लिए कांप्रिहेंसिव गाइडिंग प्रिंसिपल-2013 को सख्ती से लागू करने का फैसला लिया है. ये प्रिंसपिल सुनिश्चित करते हैं कि कुछ कैटेगरी के अधिकारियों को उनके गृह जिलों या आस-पास के क्षेत्रों में तैनात नहीं किया जा सकता. इस कदम से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी और यह भी सुनिश्चित होगा कि सरकारी अधिकारी बेहतर कार्य करना सुनिश्चित करें.
इन नियमों के तहत आईएएस, एचएएस, एचपीएस, हिमाचल प्रदेश वन सेवा, सभी जिला स्तर के अधिकारी और उनके समान अधिकारी, वन मंडलाधिकारी, राज्य कर एवं आबकारी अधिकारी इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, पुलिस विभाग के सब इंस्पेक्टर, जिला न्यायवादी, उप-जिला न्यायवादी की तैनाती उनके गृह जिलों में नहीं की जा सकती. इसके अलावा दूसरी कैटेगरी के अधिकारियों और विभिन्न पदों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों को उनके गृह जिलों, मंडलों, उपमंडलों, रेंज के आसपास के क्षेत्र ब्लॉक बीट और सर्कल आदि में तैनात नहीं किया जा सकता. सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि यह फैसला सरकारी कार्यालयों में बेहतर कार्य वातावरण सुनिश्चित करेगा, जिससे बिना किसी अनुचित पक्षपात के साथ आम आदमी को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी.
नियुक्ति वाली जगहों पर अचल संपति खरीदने पर रोक: राज्य सरकार ने आम जनता से सीधे तौर पर जुड़े 21 कैटेगरी के अधिकारियों या उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर उनकी नियुक्ति वाली जगहों में भूमि, भवन और अचल संपत्ति खरीदने पर भी रोक लगाने का बड़ा फैसला लिया है. ऐसे अधिकारियों पर ट्रांसफर होने के 2 वर्ष की अवधि के भीतर संपत्तियों के खरीदने पर भी रोक लगाई गई है. प्रवक्ता ने कहा है कि राज्य सरकार लोगों को पारदर्शी और जबावदेह प्रशासन देने के लिए तत्पर है. मुख्यमंत्री ने साफ किया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है.
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