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Shimla Development Plan: इस दिन लागू होगा शिमला डेवलपमेंट प्लान, शहर के ग्रीन व कोर एरिया में भी बना सकेंगे मकान

हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार ने शिमला डेवलपमेंट प्लान लागू करने का फैसला लिया है. जिसके तहत अब शिमला शहर के ग्रीन व कोर एरिया में लोग भवन निमार्ण कर सकते हैं. नया शिमला डेवलपमेंट प्लान 20 जुलाई के बाद शहर में लागू होगा. (Shimla Development Plan in Himachal)

Shimla Development Plan in Himachal.
20 जुलाई के बाद लागू होगा शिमला डेवलपमेंट प्लान.

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Published : Jul 3, 2023, 3:14 PM IST

शिमला: शिमला शहर के ग्रीन व कोर एरिया में भी अब लोग अपने सपनों का घर बना सकेंगे. सरकार ने शिमला डेवलपमेंट प्लान लागू करने का फैसला किया है, जिसमें यह प्रावधान किया गया है. यही नहीं प्लानिंग एरिया में अढ़ाई मंजिल मकान बनाने की शर्त खत्म दी गई है. नया डेवलपमेंट प्लान 20 जुलाई के बाद शिमला शहर में लागू होगा.

43 साल बाद शिमला डेवलपमेंट प्लान तैयार:राजधानी शिमला के लिए करीब 43 साल बाद डेवलपमेंट प्लान तैयार किया गया है. टीसीपी विभाग ने यह नया प्लान तैयार किया है. पिछले साल फरवरी में इस प्लान को जारी किया गया और 11 मार्च तक लोगों से इस पर आपत्तियां और सुझाव मांगे गए थे. इन आपत्तियों के निपटारे के बाद नया प्लान जारी किया गया है. बीते दिनों कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस प्लान की अधिसूचना जारी कर दी गई. हालांकि इस प्लान पर अभी सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है, सरकार इस प्लान को इस बार सुनवाई में भी पेश कर सकती है.

ग्रीन और कोर एरिया में बना सकेंगे भवन: शिमला डेवलपमेंट प्लान लागू होने के बाद शहर के ग्रीन और कोर एरिया में भवन निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. शिमला के इन दोनों एरिया में नवंबर 2017 से ही भवन निर्माण पर रोक लगी हुई है. अब नए डेवलपमेंट प्लान के लागू होने के बाद यह पाबंदी खत्म हो जाएगी. ग्रीन और कोर एरिया में भी नगर निगम शिमला से नक्शा पास करवाकर भवन निर्माण कर सकेंगे.

ग्रीन एरिया में एक मंजिल के साथ एटिक की अनुमति: डेवलपमेंट प्लान लागू होने के बाद शिमला के ग्रीन एरिया में लोग एक मंजिल के साथ रिहायशी एटिक का निर्माण कर सकेंगे. शिमला शहर में 17 ग्रीन एरिया मौजूद हैं, जहां अब भवन निर्माण की परमिशन मिलेगी. अभी यहां इसकी पाबंदी है. हालांकि पेड़ काटकर निर्माण की अनुमति यहां पर नहीं रहेगी. लोग केवल खाली जमीन पर ही भवन निर्माण कर पाएंगे. इसके साथ ही यहां व्यावसायिक निर्माण की अनुमति भी नहीं रहेगी.

कोर एरिया में दो मंजिल के साथ पार्किंग व एटिक: शिमला शहर में कोर एरिया में भी अब निर्माण किया जा सकेगा. यहां भी पहले पाबंदी लगी हुई थी, लेकिन अब यहा पर रिहायशी और व्यावसायिक दोनों तरह के भवन बना सकेंगे. कोर एरिया में 2 मंजिलों के साथ पार्किंग और एटिक बनाने की मजूंरी है. यहां दोनों तरह के भवन निर्माण होंगे, जिनकी अधिकतम ऊंचाई 13 मीटर रहेगी. शहर के सर्कुलर रोड के ऊपर वाला एरिया भी इसमें शामिल है.

प्लानिंग एरिया में तीन मंजिल के साथ पार्किंग व एटिक: शिमला में कोर एरिया के बाहर के इलाकों को प्लानिंग एरिया में शामिल किया गया है. सर्कुलर रोड से बाहर का एरिया भी इसमें शामिल है. इसमें अभी ढाई मंजिला भवन निर्माण की अनुमति थी, लेकिन अब यहां लोग तीन मंजिला रिहायशी भवन, पार्किंग फ्लोर और रिहायशी एटिक के साथ बना सकेंगे. वहीं, इन भवनों की अधिकतम ऊंचाई 16.50 मीटर तक रहेगी. हालांकि व्यावसायिक भवनों में चार मंजिलों के साथ पार्किंग फ्लोर और एटिक की भी सुविधा मिलेगी. इन भवनों की अधिकतम ऊंचाई 21 मीटर निर्धारित की गई है.

प्लानिंग में 375 गांव भी शामिल:इस प्लानिंग एरिया में नगर निगम शिमला के तहत शामिल क्षेत्रों के अलावा पंचायत एरिया भी शामिल किया गया है. इसके तहत 375 गांव हैं, जहां नक्शे के अनुरूप मकान बनाना जरूरी है. प्लानिंग एरिया में कुफरी स्पेशल एरिया के 47, शोघी के 49, घणाहट्टी के 36 जबकि इसके साथ ही अन्य 188 गांव शामिल हैं. इसके अलावा, सोलन के कंडाघाट तहसील के 50 गांव के साथ-साथ सुन्नी तहसील का एक, ठियोग के चार गांव भी इसमें शामिल किए हैं. इस प्लान में जाठिया देवी के अलावा घंडल, फागू, नालदेहरा और चम्याणा में भी सैटेलाइट टाउन बनाए जाने की योजना है, जिससे कि शहर पर बढ़ती आबादी के बोझ को कम किया जा सके.

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