शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट कैरिज और ऑल इंडिया परमिट वाहनों पर लगाए स्पेशल रोड टैक्स (एसआरटी) में भारी कटौती की है. सैलानियों को लेकर आने वाले बाहरी राज्यों के टैक्सी ऑपरेटर की मांग पर सरकार ने इस टैक्स को कम किया है. हिमाचल सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है.
इन गाड़ियों पर टैक्स में कटौती: हिमाचल सरकार ने बाहरी राज्यों से पर्यटकों को लेकर आने वाले राज्य से बाहर पंजीकृत वाहनों पर लगाए गए स्पेशल रोड टैक्स में भारी कटौती की है. प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले कॉन्ट्रैक्ट कैरिज और ऑल इंडिया परमिट वाहनों पर लगाए गए स्पेशल रोड टैक्स में पचास फीसदी से ज्यादा कटौती की है. बाहरी राज्यों के टैक्सी ऑपरेटर प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए टैक्स का विरोध कर रहे थे, इसके बाद सरकार ने इसमें कटौती करने का फैसला किया है. परिवहन विभाग द्वारा इस बारे में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.
हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग की नोटिफिकेशन सरकार ने कम किया SRT: अधिसूचना के मुताबिक बाहरी राज्यों से आने वाले कॉन्ट्रैक्ट कैरिज और आल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाले 13 से 22 सीटर वाहनों को प्रतिदिन 500, तीन दिन के लिये 1000 और एक सप्ताह के लिए 2000 टैक्स देना होगा. इसके अतिरिक्त 23 से अधिक सीट वाले वाहनों व बसों के लिए प्रतिदिन 1500, तीन दिन के लिए 3 हजार और एक सप्ताह के लिए 6 हजार टैक्स देना होगा. हालांकि पहले इन वाहनों को रोजाना 5200 रुपए का टैक्स देना पड़ रहा था, लेकिन अब सरकार ने इसको घटा दिया है.
हिमाचल में टैक्स की दरें निर्धारित टैक्स की दरें निर्धारित: वहीं, हिमाचल प्रदेश ट्रांसपोर्ट रूल्स या इसी तरह के अन्य रूल्स के बगैर चल रहे वाहनों के लिए भी टैक्स की दरें निर्धारित की गई हैं. इसके मुताबिक 5 सीटों से कम वाले ऐसे कॉन्ट्रैक्ट कैरिज को रोजाना 200 रुपए, 5 से 10 सीटों वाले वाहनों पर 500 रुपए , 10 से 23 सीटों वाले वाहनों को 750 रुपए और 23 सीटों से ज्यादा वाले ऐसे वाहनों को 1500 रुपए रोजाना स्पेशल रोड टैक्स देना होगा.
एसआरटी को लेकर हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग की नोटिफिकेशन बाहरी राज्यों के टैक्सी ऑपरेटर कर रहे थे विरोध: प्रदेश सरकार द्वारा बाहरी वाहनों पर लगाए गए भारी भरकम टैक्स का बाहरी राज्यों के टैक्सी ऑपरेटर विरोध कर रहे थे. बाहरी राज्यों से सैलानियों को लेकर वाहन भी नहीं आ रहे थे, इससे हिमाचल में पर्यटन कारोबार भी प्रभावित हो रहा था. यही नहीं टैक्सी यूनियन चंडीगढ़-पंजाब ने इस टैक्स के विरोध में बॉर्डर बंद करने का भी ऐलान किया था. मगर सरकार के आश्वासन के बाद टैक्सी यूनियन चंडीगढ़-पंजाब ने अपने यह फैसला स्थगित कर दिया था. बीते 20 अक्टूबर को आजाद टैक्सी यूनियन चंडीगढ़-पंजाब के पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैठक कर टैक्स कम करने का भरोसा दिया था. इसके बाद सरकार ने टैक्स में कटौती की है.
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