शिमला: आर्थिक संकट से जूझ रही हिमाचल की सुखविंदर सिंह सरकार ने वाहन मालिकों पर ग्रीन टैक्स का बोझ लाद दिया है. राज्य सरकार ने सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स में संशोधन किए हैं. अब प्रदूषण सर्टिफिकेट के साथ ग्रीन टैक्स जुड़ जाएगा। यही नहीं, राज्य सरकार ने प्रदूषण जांच केंद्रों की फीस और सिक्योरिटी मनी भी बढ़ाई है. लंबे अरसे के बाद राज्य सरकार ने सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स में एमेंडमेंट की है. इस संशोधन के माध्यम से अब हिमाचल में वाहनों के लिए प्रदूषण सर्टिफिकेट हासिल करने की प्रक्रिया के दौरान वाहन मालिकों को फीस के साथ ग्रीन टैक्स भी देना होगा. परिवहन विभाग के प्रधान सचिव की तरफ से इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी गई है.
उल्लेखनीय है कि सुखविंदर सिंह सरकार ने मई महीने में इस संशोधन को लेकर एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन निकाली थी. नियमों के अनुसार आम जनता से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की गई थीं. जनता की तरफ से किसी भी तरह का सुझाव नहीं आया तो अब परिवहन विभाग ने फाइनल नोटिफिकेशन जारी कर दी है. अधिसूचना के अनुसार हिमाचल प्रदेश मोटर व्हीकल रूल्स के रूल 40-ए को अमेंड किया गया है. अब संशोधन के अनुसार वाहन मालिक को अपने वाहन का पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट प्रदान करने वाले केंद्रों के लिए शहरी क्षेत्र में रिफंडेबल सिक्योरिटी 15 हजार रुपए की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह राशि 5000 रुपए होगी. सरकार ने गाडिय़ों की जांच संबंधी ऑथराइजेशन फीस भी बढ़ाई है. पेट्रोल और डीजल चालित वाहन के लिए यह फीस चार हजार रुपए होगी. पेट्रोल और डीजल दोनों से चलने वाली गाडिय़ों के लिए अब 8000 रुपए देने होंगे.