शिमला:हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से नए राज्यपाल नियुक्त हुए हैं. राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के बाद अब शिव प्रताप शुक्ला हिमाचल के नए राज्यपाल नियुक्त किए गए हैं. वे जल्द ही अपना कार्यभार संभालेंगे. राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर अब बिहार के राज्यपाल होंगे. यदि हिमाचल के संदर्भ में देखें तो यहां उर्मिला सिंह के बाद कोई भी राज्यपाल पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है. उर्मिला सिंह ने 27 जनवरी 2015 को अपना कार्यकाल पूरा किया था. उसके बाद से आठ साल के अंतराल में हिमाचल में अब शिव प्रताप शुक्ला पांचवें राज्यपाल होंगे.
उर्मिला सिंह के बाद हिमाचल में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को राज्यपाल बनाया गया. वे 28 जनवरी 2015 से 11 अगस्त 2015 तक राज्यपाल रहे. उसके बाद हिमाचल में आचार्य देवव्रत राज्यपाल बनकर आए. आचार्य देवव्रत ने अपने कार्यकाल में खूब सक्रियता से काम किया. उन्होंने जैविक खेती और नशे के खिलाफ प्रदेश भर में अभियान चलाए और अफसरशारी को समय-समय पर निर्देश दिए. उन्होंने अपने कार्यकाल में कई प्रयोग किए और राजभवन से बार हटा दिया. यहां अब शराब नहीं परोसी जाती. उन्होंने राजभवन में यज्ञ शुरू किया और गोपालन भी किया. आचार्य देवव्रत का कार्यकाल 12 अगस्त 2015 से 21 जुलाई 2019 तक रहा. यानी वे करीब चार साल राज्यपाल रहे.
आचार्य देवव्रत को बाद में गुजरात का राज्यपाल बनाया गया. उनके स्थान पर यूपी के कलराज मिश्र राज्यपाल बने. उनके शपथ ग्रहण समारोह में सैकड़ों वीवीआईपी शामिल हुए, लेकिन कलराज मिश्र भी काफी कम समय के लिए यहां रहे. कलराज मिश्र ने 22 जुलाई 2019 से 10 सितंबर 2019 तक ही कार्यभार संभाला. उनके बाद दक्षिण भारत के बंडारू दत्तात्रेय हिमाचल के राज्यपाल बनकर आए. बंडारू दत्तात्रेय ने भी हिमाचल में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए खूब काम किया. पर्यटन सर्किट और दक्षिण के राज्यों के धार्मिक स्थानों को हिमाचल के शक्तिपीठों से से जोड़ने के लिए उन्होंने सरकारों को कई निर्देश व सुझाव दिए. निजी कारणों से उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि उन्हें किसी और राज्य में भेजा जाए. वे हिमाचल के सर्द मौसम में असहज महसूस कर रहे थे. इस कारण बंडारू दत्तात्रेय को हरियाणा का राज्यपाल बनाया गया. उनका कार्यकाल 11 सितंबर 2019 से 12 जुलाई 2021 तक रहा.