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Shiva Project in Himachal: अब सेब की तरह संतरा, नींबू, लीची, अमरूद जैसे फलों की भी बड़े स्तर पर होगी खेती

हिमाचल प्रदेश में अब सेब उत्पादन के साथ साथ अन्य फलों के उत्पादन के लिए भी जाना जाएगा. बता दें कि प्रदेश सरकार एशियन डेवलपमेंट बैंक की मदद से शिवा प्रोजेक्ट के तहत सब ट्रॉपिकल फ्रूट्स के उत्पादन को बढ़ावा देगी. (HP govt will sign agreement with ADB) (Shiva project in himachal) (Production of subtropical fruits in Himachal)

Shiva project in himachal
Shiva project in himachal

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Published : Jan 28, 2023, 11:20 AM IST

शिमला:हिमाचल अभी तक सेब के लिए जाना जाता है, लेकिन अब अन्य फलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार एडीबी यानी एशियन डेवलपमेंट बैंक की मदद से काम कर रही है. राज्य सरकार ने इसके लिए एडीबी की वित्तीय मदद से शिवा प्रोजेक्ट यानी सब ट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर, इरिगेशन एंड वैल्यू एडिशन रेडीनेस प्रोजेक्ट शुरू किया है. 1292 करोड़ के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को लेकर अगले माह हिमाचल सरकार एडीबी के साथ करार करने जा रही है.

एशियन डेवलपमेंट बैंक के साथ सरकार करेगी करार

हिमाचल में बड़े स्तर पर होगा सब ट्रॉपिकल फ्रूट्स का उत्पादन: इस प्रोजेक्ट से हिमाचल में संतरा, नींबू, लीची, अमरूद जैसे सब ट्रॉपिकल फलों की प्रोडक्शन कई गुणा अधिक बढ़ाई जाएगी. जिसके लिए किसानों को पर्याप्त सुविधा मिलेगी. प्रोजेक्ट के तहत हिमाचल के 7 जिलों को कवर किया जाएगा. बता दें कि सेब राज्य हिमाचल को फल राज्य बनाने के लिए एचपी शिवा प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. पायलट चरण में यह चार जिलों में शुरू किया गया है, जिसमें बिलासपुर, कांगड़ा, हमीरपुर और मंडी जिले शामिल किए गए हैं. इन जिलों के करीब 200 हेक्टेयर हिस्से में 16 क्लस्टरों पर पायलट आधार पर इस दिशा में काम किया गया. इसके बाद एडीबी ने इस प्रोजेक्ट की फंडिंग को सहमति जताई है.

शिवा प्रोजेक्ट के तहत सब ट्रॉपिकल फ्रूट्स के उत्पादन को बढ़ावा देगी सरकार
अब 7 जिलों के 28 विकास खंड में लागू होगा यह प्रोजेक्ट: एचपी शिवा प्रोजेक्ट अब हिमाचल के 7 जिलों के 28 विकास खंडों में लागू होगा, जिनमें बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन, सिरमौर और ऊना जिला शामिल हैं. अब इस पूरे प्रोजेक्ट के तहत 6000 हेक्टेयर में भूमि को कवर किया जाएगा. इसमें पहले चरण में 4000 हेक्टेयर के तहत 257 क्लस्टर बनेंगे. इस प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन से करीब 15000 किसान परिवार इससे लाभांवित होंगे. इसके तहत किसानों की निजी भूमि पर एक फसल एक क्लस्टर के रूप में तैयार किया जाएगा. इसमें संतरा, अमरूद, आम, लीची, परसीमन जैसे सब-ट्रॉपिकल फ्रूट्स की पैदावार को बढ़ावा दिया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के तहत फसल लगाने, सिंचाई की सुविधा, जंगली जानवरों के प्रकोप से बचने के लिए किसान की जमीन की बाड़बंदी करने से लेकर फसल को मंडी तक पहुंचाने के लिए सुविधाएं और आधारभूत ढांचा तैयार किया जाएगा.
हिमाचल में बड़े स्तर पर होगा सब ट्रॉपिकल फ्रूट्स का उत्पादन

पांच साल यानी 2028 तक चलेगा प्रोजेक्ट: इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए 1036 करोड़ की वित्तीय सहायता एडीबी देगा, जबकि 264 करोड़ रुपए का हिस्सा राज्य सरकार को देना है. यह परियोजना 5 साल यानी 2028 तक लागू रहेगी. प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. देवेंद्र ठाकुर ने कहा कि प्रोजेक्ट को लेकर अगले माह एडीबी के साथ करार होगा. इस प्रोजेक्ट के पूरी तरह से क्रियान्वयन के बाद हिमाचल में सब ट्रॉपिकल फ्रूट्स के उत्पादन में बड़ा इजाफा होगा.

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