शिमला: हिमाचल सरकार पन बिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाकर सालाना करीब 3829.15 करोड़ का राजस्व जुटाएगी. सरकार ने इसके लिए आज विधानसभा में हिमाचल प्रदेश वाटर सेस ऑन हाइड्रो पावर जनरेशन बिल-2023 पेश कर दिया. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने यह बिल विधानसभा में पेश किया. इसको लेकर सरकार ने पहले अध्यादेश लाया था और अब इसको लेकर सदन में बिल लाया गया है. इसके अलावा सदन में नगर निगम संशोधन अध्यादेश पेश किया गया.
मुकेश अग्निहोत्री बिल पेश करते हुए कहा कि हिमाचल पर 75 हजार करोड़ का कर्ज है और राज्य सरकार ने राजस्व जुटाने के लिए वाटर सेस लगाने की इच्छा शक्ति दिखाई है. सरकार जल विद्युत के उत्पादन पर सेस लगा रही है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर और उतराखंड ने भी इसी तरह का वाटर सेस परियोजनाओं पर लगाया है. इनका सरकार ने अध्ययन किया है, हालांकि कुछ इस मामले को अदालतों में भी ले गए, लेकिन इसको हटाया नहीं गया. ऐसे में सरकार यह बिल ला रही है. उन्होंने कहा कि सेस के तहत हिमाचल में 10991 मेगावाट की 172 पन बिजली परियोजनाएं आएंगी. इनसे हर साल 3829.15 करोड़ का राजस्व सालाना जुटाया जाएगा. इससे आम लोगों पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा. मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस बिल को कानून लागू करने से पहले सरकार हाइड्रो प्राइवेट प्लेयरों से भी बात करेगी. इस सिलसिले में उनकी बीबीएम, एनटीपीसी, एचएचपीसी प्रबंधनों से भी बात की है. अन्यों से भी बात की जाएगी. उन्होंने कहा कि इसका एकदम ज्यादा बोझ न पड़े सरकार इसका भी ध्यान रखेगी.