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अप्रैल महीने से बदलेगा एजुकेशन सिस्टम, कम छात्र संख्या वाले स्कूलों सहित 65 से कम छात्र संख्या वाले कॉलेज भी होंगे बंद

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Published : Mar 5, 2023, 3:48 PM IST

हिमाचल में अप्रैल महीने से एजुकेशन सिस्टम बदलने वाला है. प्रदेश सरकार ने कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है. इसके अलावा 65 से कम छात्र संख्या वाले कॉलेज भी बंद किए जाएंगे. पढ़ें पूरी खबर...

अप्रैल महीने से बदलेगा एजूकेशन सिस्टम
अप्रैल महीने से बदलेगा एजूकेशन सिस्टम

शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सरकार ने पूर्व सरकार के आखिरी नौ महीने के फैसले रिव्यू किए हैं. इस कड़ी में मापदंडों पर खरा न उतरने वाले सैंकड़ों शिक्षण संस्थानों को डी-नोटिफाई किया गया. अब सवाल ये है कि कम संख्या वाले स्कूल, कॉलेज बंद कब से होंगे ? राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि 31 मार्च 2023 के बाद इन संस्थानों को डी-नोटिफाई करने की अधिसूचना जारी होगी. कारण ये है कि अभी स्कूलों में तैनात स्टाफ विभिन्न ड्यूटियों में लगाया गया है.

सरकार ने फैसला लिया है कि 31 मार्च के बाद डी-नोटिफाई किए गए संस्थानों की सूची भी जारी की जाएगी. यानी डी-नोटिफाई किए गए स्कूल अभी 31 मार्च तक फंक्शनल रहेंगे. इसके साथ ही राज्य सरकार ने कॉलेजों को फंक्शनल करने के लिए भी छात्र संख्या तय की है. जिन कॉलेजों में 65 से कम छात्र होंगे, उन्हें बंद किया जाएगा. हिमाचल की पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी दौर में 23 कॉलेज खोले थे. इनमें से 18 कॉलेजों में तो छात्र संख्या न के बराबर थी. पांच कॉलेजों में जीरो एडमिशन थी.

इसके अलावा 13 कॉलेजों में नाममात्र एनरोलमेंट थी. जीरो एडमिशन वाले कॉलेजों में हमीरपुर जिला का लंबलू डिग्री कालेज, मंडी जिला का पांगणा डिग्री कालेज, शिमला जिला का जलोग डिग्री कालेज, सोलन जिला का चंडी डिग्री कालेज और रामपुर के पास शिंगला डिग्री कालेज शामिल है. फिर 13 कॉलेजों में बालसिन्हा डिग्री कॉलेज में 20, गलोड़ डिग्री कॉलेज में 10, मंडी के पंडोह में 21, सोलन के ममलीग में पांच, नूरपुर के बरांडा में छह, सिरमौर के सतौन में 11, सोलन के बरुणा में 35, स्वारघाट में 20, चंबा के मसरुंड में 28, कोटला में एक, कांगड़ा के चढ़िया डिग्री कॉलेज में 12, मंडी के बागाचनौगी में तीन और कुल्लू के जगतसुख कॉलेज में चार छात्रों ने एडमिशन ली थी। ये सभी बंद किए जाएंगे.

पूर्व CM ने मौजूदा सीएम को किया फोन, तब बचा छतरी कॉलेज:राज्य सरकार ने फैसला लिया था कि जिन कॉलेजों में छात्र संख्या 65 से कम होगी, उन्हें बंद किया जाएगा. पहले ये छात्र संख्या का मापदंड 75 का था, लेकिन हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए इसे 65 किया गया था. इस मापंदड की चपेट में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र सिराज का छतरी कॉलेज भी आ रहा था. जयराम ठाकुर ने इस पर सीएम सुखविंदर सिंह को फोन किया और कहा कि कम से कम ऐसे दुर्गम स्थानों के कॉलेजों को फंक्शनल रहने दिया जाए, जहां छात्र संख्या तय मापदंड से थोड़ी सी कम है. इसके बाद राज्य सरकार ने छतरी व दो अन्य कॉलेजों को जारी रखने का मन बनाया.

अब जयराम सरकार के कार्यकाल में खुले 23 में से केवल पांच ही कॉलेज चलेंगे. इनमें चंबा का बनीखेत डिग्री कालेज, शाहपुर विधानसभा क्षेत्र का रिड़कमार कॉलेज, सिराज विधानसभा क्षेत्र का छतरी डिग्री कॉलेज, सिरमौर जिला में नौहराधार डिग्री कॉलेज और चौपाल विधानसभा क्षेत्र का कुपवी डिग्री कॉलेज शामिल हैं. इन सभी में एडमिशन भी अच्छी हुई है. बनीखेत में 188, रिड़कमार में 61, छतरी में 60, नौहराधार में 77 और कुपवी डिग्री कॉलेज में 86 छात्र हैं. नए सेशन में ये संख्या और बढ़ेगी। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने क्वालिटी एजुकेशन के लिए ये सभी फैसले लिए हैं.

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