शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सरकार ने पूर्व सरकार के आखिरी नौ महीने के फैसले रिव्यू किए हैं. इस कड़ी में मापदंडों पर खरा न उतरने वाले सैंकड़ों शिक्षण संस्थानों को डी-नोटिफाई किया गया. अब सवाल ये है कि कम संख्या वाले स्कूल, कॉलेज बंद कब से होंगे ? राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि 31 मार्च 2023 के बाद इन संस्थानों को डी-नोटिफाई करने की अधिसूचना जारी होगी. कारण ये है कि अभी स्कूलों में तैनात स्टाफ विभिन्न ड्यूटियों में लगाया गया है.
सरकार ने फैसला लिया है कि 31 मार्च के बाद डी-नोटिफाई किए गए संस्थानों की सूची भी जारी की जाएगी. यानी डी-नोटिफाई किए गए स्कूल अभी 31 मार्च तक फंक्शनल रहेंगे. इसके साथ ही राज्य सरकार ने कॉलेजों को फंक्शनल करने के लिए भी छात्र संख्या तय की है. जिन कॉलेजों में 65 से कम छात्र होंगे, उन्हें बंद किया जाएगा. हिमाचल की पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी दौर में 23 कॉलेज खोले थे. इनमें से 18 कॉलेजों में तो छात्र संख्या न के बराबर थी. पांच कॉलेजों में जीरो एडमिशन थी.
इसके अलावा 13 कॉलेजों में नाममात्र एनरोलमेंट थी. जीरो एडमिशन वाले कॉलेजों में हमीरपुर जिला का लंबलू डिग्री कालेज, मंडी जिला का पांगणा डिग्री कालेज, शिमला जिला का जलोग डिग्री कालेज, सोलन जिला का चंडी डिग्री कालेज और रामपुर के पास शिंगला डिग्री कालेज शामिल है. फिर 13 कॉलेजों में बालसिन्हा डिग्री कॉलेज में 20, गलोड़ डिग्री कॉलेज में 10, मंडी के पंडोह में 21, सोलन के ममलीग में पांच, नूरपुर के बरांडा में छह, सिरमौर के सतौन में 11, सोलन के बरुणा में 35, स्वारघाट में 20, चंबा के मसरुंड में 28, कोटला में एक, कांगड़ा के चढ़िया डिग्री कॉलेज में 12, मंडी के बागाचनौगी में तीन और कुल्लू के जगतसुख कॉलेज में चार छात्रों ने एडमिशन ली थी। ये सभी बंद किए जाएंगे.