शिमला: प्रदेश की जयराम सरकार ने तीन सालों में अब तक 12,693 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है. अब अगले वित्त वर्ष के लिए 7,747 करोड़ रुपए के कर्ज लेने का अनुमान लगाया है.
कर्ज के मसले पर सरकार को घेरने के बाद बजट अनुमानों पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस के सदस्यों को उनका दौर याद दिला दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने तीन सालों में 26 फीसद की दर के हिसाब से कर्ज लिया है, जबकि कांग्रेस की सरकार ने अपने कार्यकाल में 67 फीसद की दर से कर्ज लिया था.
सरकार ने मंजूर सीमा से कम कर्ज लिया- सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2012 में बीजेपी की सरकार 28,707 का कर्ज छोड़ कर गई थी. कांग्रेस सरकार ने इसे 47,906 करोड़ तक पहुंचा दिया. उनकी सरकार में कर्ज की रकम बढ़कर 60,544 करोड़ तक पहुंची है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के इस दौर में भी सरकार ने मंजूर सीमा से कम कर्ज लिया है.
फिजूलखर्ची को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगी सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए वित्तीय उत्तरदायित्व बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत उनकी सरकार 1,500 करोड़ रुपए का कर्ज ले सकती है. हालांकि सरकार ने 7,747 करोड़ रुपए का कर्ज लेने का अनुमान लगाया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार फिजूलखर्ची को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगी और कर संग्रहण की प्रक्रिया को मजबूत करेगी.
58 फीसद रहेगी कर्ज की वृद्धि दर: सीएम
जयराम ने कहा कि 2018-19 में उनकी सरकार ने कर्ज लेने की सीमा से 1,617 करोड़ रुपए का कम कर्ज लिया था, जबकि 2020 में 3,187 करोड़ रुपए से कम कर्ज लिए हैं. उन्होंने कहा कि वित्तीय उत्तरदायित्व बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत तय सीमा से भी 4,804 करोड़ रुपए के कम कर्ज लिए गए हैं. उनकी सरकार के दौरान कर्ज लेने की वृद्धि दर 58 फीसद रहने वाली है, जबकि पूर्व कांग्रेस सरकार में यह 67 फीसद तक पहुंच गई थी.
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