शिमला:हिमाचल सरकार का सचिवालय इस साल जुलाई में पेपरलेस हो जाएगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर राज्य सरकार का आईटी विभाग इस दिशा में तेजी के साथ काम कर रहा है. सरकार के अधिकारी और कर्मचारी निरंतर ई-ऑफिस कार्यप्रणाली को समझने का प्रशिक्षण ले रहे हैं. हाल ही में अफसरों व कर्मियों को नौ दिन तक ई-आफिस कार्यप्रणाली के बारे में ट्रेनिंग की गई है. सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव अभिषेक जैन के अनुसार अभी तक सात सौ के करीब अफसरों व कर्मियों के रिफ्रेशर कोर्स करवाया गया है. उल्लेखनीय है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस साल पहली जुलाई तक हिमाचल प्रदेश सचिवालय में पूर्ण रूप से ई-ऑफिस प्रणाली आरंभ करने का ऐलान किया हुआ है.
वहीं, सूचना प्रौद्योगिकी निदेशक मुकेश रेपस्वाल के अनुसार राज्य सचिवालय में ई-ऑफिस प्रणाली शुरू करने के लिए सचिवालय प्रशासन विभाग नोडल विभाग के तौर पर काम करेगा. सूचना प्रौद्योगिकी विभाग तकनीकी व अन्य सहायता प्रदान करेगा. इसी तरह प्रशासनिक सुधार विभाग ने भी ऑफिस मैनुअल को संशोधित करने पर काम शुरू कर दिया है. सचिवालय के पेपरलेस होने से कई लाभ होंगे. फाइलों का काम न के बराबर रह जाएगा. पेपरलेस सचिवालय बन जाने से हर साल हजारों पेड़ कटने से बचेंगे और साथ ही सरकारी खजाने में राजस्व की भी बचत होगी. इससे सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी. ई-सचिवालय प्रोजेक्ट में सभी फाइलों को डिजिटाइड करने का प्रावधान है. इससे कामकाज में तेजी आएगी और सारा काम पारदर्शी होगा. सचिवालय का सारा रिकार्ड भी ऑनलाइन होगा. अभी देखा गया है कि अलग-अलग कार्य के लिए बड़े अफसर सब-आर्डिनेट स्टाफ पर निर्भर रहते हैं. संचार क्रांति और फाइव-जी के इस समय में भी सरकारी दफ्तरों में बाबूगिरी चल रही है. इससे विकास परियोजनाओं से संबंधित फाइलों के आगे सरकने की गति कछुए की तरह हो जाती है.