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हिमाचल सरकार ने पेट्रोल पंपों पर घटाई डेड स्टॉक की भंडारण क्षमता, अब इतना रख सकते हैं डेड स्टॉक - ट्रक ऑपरेटर विरोध

Hit and Run Law: हिमाचल प्रदेश में अब हर पेट्रोल पंप पर 2,000 लीटर के डेड स्टॉक भंडारण क्षमता को घटाकर 1,000 लीटर किया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Hit and Run Law
सांकेतिक तस्वीर.

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 2, 2024, 10:21 PM IST

करसोग/शिमला: हिमाचल प्रदेश में पेट्रोलियम उत्पाद की उपलब्धता बहाने के लिए सरकार ने पेट्रोल पंपों पर डेड स्टॉक की भंडारण क्षमता घटा दी है. नए आदेशों के मुताबिक अब हर पेट्रोल पंप पर 2,000 लीटर के डेड स्टॉक भंडारण क्षमता को घटाकर 1,000 लीटर किया गया है. हिमाचल में नए हिट एंड रन कानून में हुए बदलाव को लेकर विरोध जारी है. चालकों और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने ट्रक और ट्रांसपोर्ट वाहन बंद कर दिए हैं. जिससे पंपों पर डीजल और पेट्रोल का संकट गहरा गया है.

डीजल की कमी से प्रदेश में एचआरटीसी के सैंकड़ों रूट प्रभावित हो गए हैं. प्रदेश सरकार ने इस परेशानी से बाहर निकलने के लिए पेट्रोल पंपों पर डेड स्टॉक की भंडारण क्षमता घटा दी है. नए आदेशों के मुताबिक अब हर पेट्रोल पंप पर 2,000 लीटर के डेड स्टॉक भंडारण क्षमता को घटाकर 1000 लीटर किया गया है. ताकि पेट्रोल पीएनपीओ पर पेट्रोलियम की बढ़ सके.

लगातार रखी जा रही स्थिति पर नजर:डीसी सोलन और ऊना लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. इसके साथ हालत पर काबू पाने के लिए ट्रांसपोर्टरों के साथ चर्चा भी की जा रही है. डीसी सोलन मन मोहन शर्मा ब एसपी सोलन बद्दी ने 1 जनवरी को रात के समय नालागढ़ एचपीसीएल टर्मिनल से बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों के लिए 43 टैंकर भेजे हैं. इसी तरह 2 जनवरी को सांय 4 बजे तक 750 केएल/65 वाहन भेजे गए हैं. वहीं डीसी ऊनार ाघव शर्मा और पुलिस टीम की पहल से ऊना टर्मिनल पर 116 डीलर वाहनों को पुलिस सुरक्षा के तहत रवाना किया गया है. इसके अतिरिक्त 4 जनवरी को भी प्रदेश भर में और भी पेट्रोल और डीजल के टैंकर भेजे जाएंगे. ताकि पंपों पर पेट्रोल और डीजल के संकट को कम किया जा सके.

पेट्रोलियम की कमी से थमे बसों के पहिए:प्रदेश में पेट्रोलियम की कमी के कारण एचआरटीसी बसों के पहिए थम गए हैं. जिस कारण कई बस रूट प्रभावित हुए हैं. इस कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. अगर आने वाले दिनों में हड़ताल समाप्त नहीं होती है तो इससे फल सब्जियों सहित जरूरी खाद्य वस्तुओं की सप्लाई भी प्रभावित हो सकती है. जिस जरूरी खाद्य वस्तुओं पर महंगाई की मार पड़ सकती है. प्रदेश में इस तरह के हालत पैदा न हो इसके लिए सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं.

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवम उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम ने बताया कि पेट्रोलियम उत्पाद के संकट पर निगरानी रखी जा रही है. उन्होंने बताया कि पंपों पर डीजल और पेट्रोल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए डेड स्टॉक की भंडारण क्षमता घटाई गई है.

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