शिमलाः कोरोना संकट के दौर में सरकारी बस सेवा बंद होने से हिमाचल पथ परिवहन निगम को आर्थिक मोर्चे पर बहुत नुकसान हो रहा था. निगम की गंभीर वित्तीय स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने 259 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी है. यही नहीं सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों के 6 करोड़ रुपये के मेडिकल रिम्बर्समेंट के लिए भी पहल की है. लंबित चल रहे 6 करोड़ के बिलों का भुगतान एक महीने में कर दिया जाएगा. शुक्रवार को शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हिमाचल पथ परिवहन निगम की समीक्षा बैठक में ये फैसले लिए गए.
लाॅकडाउन दौरान 4,618 बसों और ई-टैक्सी की ली गई सेवाएं
बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कोविड महामारी के दौरान देश के विभिन्न भागों में फंसे प्रदेशवासियों की सहायता के लिए निगम की भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान हिमाचली विद्यार्थियों और अन्य व्यक्तियों की घर वापसी के लिए 4,618 बसों और ई-टैक्सी की सेवाएं ली गई. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में प्रभावी कोविड प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारियों द्वारा मांगी गई बसों के लिए एचआरटीसी को 13 करोड़ रुपये प्रदान किए गए.
2019-20 में खरीदी थी 50 इलेक्ट्रिक वैन व 50 इलेक्ट्रिक बसें
मुख्यमंत्री ने कहा कि एचआरटीसी ने यात्रियों की सुविधा और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2019-20 के दौरान 50 इलेक्ट्रिक वैन के अतिरिक्त 50 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद की. इन बसों और टैक्सियों के माध्यम से लोगों को सुविधाजनक और प्रदूषणमुक्त सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि निगम की सुचारू कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न श्रेणियों के 890 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल के दौरान तकनीकी बहुउद्देश्यीय सहायक के 1090 और चालक, परिचालक व अन्य स्टाफ के 590 पद भरे गए हैं.
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार कैशलेस ट्रांजेक्शन, बस समय-सारिणी को ऑनलाइन दर्शाने और जीपीएस की सहायता से वाहनों का सही स्थान पता करने जैसी सुविधाओं द्वारा यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए एचआरटीसी में आधुनिक एकीकृत सार्वजनिक परिवहन प्रबंधन प्रणाली आरम्भ करने के लिए प्रतिबद्ध है.