शिमला: प्रदेश के आबकारी एवं कराधान विभाग में 12 करोड़ 62 लाख 54 हजार 486 रुपये के कथित घोटाले की जांच का स्टेटस सरकार ने विभाग से पूछा है. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जेसी शर्मा ने कहा कि फिलहाल विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है कि आरोपों की जांच कहां तक हुई है और अगर हुई है तो किन बिंदुओं पर हुई है. यह रिपोर्ट सरकार के पास पहुंचने के बाद ही जांच के बारे में फैसला किया जाएगा.
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने कहा कि सरकार को अंदेशा है कि भ्रष्टाचार के मामले की जांच ही नहीं हुई है ऐसे में यह यह स्पष्ट ही नहीं हो पाया है कि अधिकारी दोषी या नहीं. भष्टाचार के मामले में आरोप है कि कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों में हेर-फेर कर 12.50 फीसदी के बजाए मात्र 4 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स लिया गया.
यह मामला 2012 में सामने आया था. इस मामले में उस दौरान बद्दी में तैनात ईटीओ और आंकलन अधिकारी को आरोपी बनाया गया था. और उस पर तीन चार्जशीट की गई थी. विभागीय जांच में कई तरह की गड़बड़ियां हुई, टैक्स ट्रिब्यूनल की भूमिका भी संदेह के घेरे में रही, लेकिन अंत में मई 2020 को आरोपी अधिकारी को क्लीनचिट दे दी गई. आरोप था अधिकारी ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए 15 कंपनियों को लाभ पहुंचाया.