शिमला: हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड की लापरवाही से बिजली की तारों से करंट लगने के मामले सामने आते रहते हैं. कई बार इसमें पीड़ित की मौत हो जाती है, जबकि कई मामलों में व्यक्ति घायल हो जाता है. कई बार पीड़ितों को समय पर मुआवजा नहीं मिलता और वे बिजली बोर्ड के दफ्तर इसके लिए काटते रहते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. करंट से मौत या घायल होने पर बिजली बोर्ड को एक तय समय में मुआवजा देना होगा. बिजली बोर्ड तीन दिनों के भीतर पीड़ित और उनके परिवारों को मुआवजा देगा. प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की ओर से इसकी अधिसूचना जारी की है.
प्रदेश में करंट से मौत होने पर पीड़ित परिवार को अब पांच लाख रुपये मिलेंगे. यही नहीं अगर पीड़ित 60 फीसदी घायल होता है तो भी उसको पांच लाख रुपये ही दिए जाएंगे. प्रदेश बिजली बोर्ड को यह राशि चुकानी होगी. घायलों को तीन दिन के भीतर 1.25 लाख रुपये देने का प्रावधान किया गया है. पहले करंट से मौत होने पर चार लाख रुपये और 60 फीसदी घायल को दो लाख रुपये मिलते थे, लेकिन अब इसको बढ़ाकर पांच लाख रुपए कर दिया गया है. करंट से मौत होने पर फौरी राहत के तौर पर 1.25 लाख रुपये तुरंत जारी किए जाएंगे.