शिमला: हिमाचल में इन दिनों हर तरफ विधानसभा चुनाव के रिजल्ट को लेकर अनुमान लगाए जा रहे हैं. भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों दल जीत के दावे कर रहे हैं, लेकिन लोकतंत्र में जनार्दन जनता ही है. देवभूमि के चुनावी रण में नेता बेशक अपनी जीत पक्की बता रहे हैं, परंतु यहां के वोटर्स ने बड़े-बड़े नेताओं का गुरूर तोड़ा है. खासकर कैबिनेट मंत्रियों को चुनावी रण में चित्त किया है. (Himachal Assembly Election 2022) (Himachal Election 2022 Result)
वर्ष 2017 की बात करें तो उस समय यहां वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार थी. कांग्रेस मिशन रिपीट का दावा कर रही थी, लेकिन चुनाव में वीरभद्र सिंह कैबिनेट में दिग्गज मंत्री रहे बड़े नेता चुनाव हार गए. उनमें सबसे बड़े नामों में आठ बार के विधायक, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सहित कैबिनेट मंत्री रहे कौल सिंह ठाकुर का नाम प्रमुख था. कौल सिंह ठाकुर कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद के कभी सशक्त दावेदारों में शुमार रहे हैं. इस बार भी कांग्रेस को सत्ता मिली तो वे रेस में होंगे. (Politics in Himachal)
कौल सिंह के अलावा दिग्गज कांग्रेस नेता और वीरभद्र सरकार में ताकतवर मंत्री जीएस बाली भी चुनाव हार गए. हिमाचल कांग्रेस के बड़े नेता रहे स्व. पंडित संतराम के बेटे और वीरभद्र सिंह सरकार में शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा पराजित हुए. इसी तरह भरमौर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी भी चुनाव हार गए थे. वहीं, मंडी जिले की बल्ह सीट से कैबिनेट मंत्री प्रकाश चौधरी चुनाव हारे. ऐसे में वर्ष 2017 का चुनाव दिग्गजों के लिए बड़े झटके की तरह था. इसी चुनाव में सबसे बड़ी पराजय में पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल का नाम हैरान करने वाला रहा. वे पार्टी के सीएम फेस थे.