शिमला:शिक्षा के अधिकार के कानून के तहत निजी स्कूलों को 25 फीसदी सीटों पर आर्थिक तौर से कमजोर (ईडब्लयूएस) को दाखिला देना जरूरी है. सरकार इसको लेकर गंभीर है. शिक्षा सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने निजी स्कूलों को इस कानून का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. शिक्षा सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने प्रदेश में शिक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों पर आज स्टेकहोल्डरों के साथ एक बैठक की. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा सभी बच्चों के लिए समावेशी, समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के सरकार के निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून के प्रावधानों और शिक्षा के सार्वभौमीकरण के लिए सभी उचित कदम उठाए गए हैं. शिक्षा सचिव अभिषेक जैन ने प्रदेश में शिक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों पर स्टेकहोल्डरों के साथ एक बैठक की. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा सभी बच्चों के लिए समावेशी, समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के सरकार के निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है. प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून के प्रावधानों और शिक्षा के सार्वभौमीकरण के लिए सभी उचित कदम उठाए गए हैं.
शिक्षा सचिव ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून 6-14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा का अधिकार प्रदान करता है, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह पाए. उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के अनुसार निजी स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर व वंचित पृष्ठभूमि के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत आरक्षित सीटें भरना सुनिश्चित करें और इसके बारे में विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक किया जाए. उन्होंने कोविड महामारी के कारण एक या दोनों अभिभावकों खो चुके बच्चों की निजी स्कूलों में शैक्षणिक फीस माफ करने बारे वस्तुस्थिति की जानकारी भी ली.