शिमला: शुक्रवार के हिमाचल विधानसभा में साल 2020-21 का बजट पेश किया जाना है. गुरुवार को सीएम जयराम ठाकुर ने 2019-20 का आर्थिक सर्वेक्षण सदन में पेश किया.
हिमाचल सरकार द्वारा जारी आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आर्थिक वृद्धि दर 5.6 रहने का अनुमान है. जबकि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 7.1 फीसदी विकास दर थी.
वहीं हिमाचल में 2017-18 में प्रति व्यक्ति आय 1,65,025 रु. थी. 2018-19 में 11 प्रतिशत के की वृद्धि के साथ 1,83,108 रु. हुई. वहीं 2019-20 में प्रतिव्यक्ति आय 1,95,255 रु होने का आकलन है. वहीं, पूरे देश की बात करें तो 2018-19 में प्रतिव्यक्ति आय 1,26, 561 रुपये आंकी गई है.
2019-20 में जयराम सरकार ने कुल 44,388 करोड़ रुपयों का बजट पेश किया था. जिसमें 36089 करोड़ (बजट का 81.30%) राजस्व व्यय किया गया है.
पिछले बजट की सरंचना देखें तो वेतन में कुल बजट का 31.29% यानि 13,889 करोड़ रुपये खर्च किया गया. पेंशन में 6,660 करोड़(15.01%), ब्याज में 4,550 करोड़ (10.25%), और अनुदान में 1066 करोड़ (2.40%) खर्च किया गया है.
हिमाचल को कृषि प्रधान प्रदेश माना जाता है. लेकिन कृषि क्षेत्र का कुल राज्य घरेलू उत्पाद में योगदान लगातार घटता जा रहा है. 1950-51 में जहां ये 57.9 प्रतिशत था, फिर 1990-91 में 26.5 प्रतिशत हुआ और 2018-19 में घटकर केवल 8.4 प्रतिशत रह गया है.
हिमाचल में फलों के उत्पादन में बढ़ोतरी
वहीं उद्योग और सेवा क्षेत्रों का कुल राज्य घरेलू उत्पाद में योगदान लगातार बढ़ रहा है.1950-51 में ये 1.1 व 5.9 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 29.0 और 44.0 प्रतिशत हो गया है. हालांकि राज्य ने फलों के उत्पादन में प्रगति की है. साल 2019-20 की बात करें तो दिसंबर 2019 तक प्रदेश में 7.07 लाख टन फलों का उत्पादन हुआ. वहीं बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन में भी बढ़ौचतरी दर्ज की गई है. आने वाले वर्ष में फलों और बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन में बढ़ौतरी की संभावना है.