शिमला: इस बरसात ने हिमाचल प्रदेश को कभी न भूलने वाले जख्म दिए हैं. राज्य में मानसून सीजन में हादसों के दौरान 24 जून से लेकर अब तक 382 लोगों की जान गई है. दो माह से अधिक की इस अवधि में प्रदेश को करीब 8649 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. ये पिछले पांच साल की अवधि में हुए कुल नुकसान से भी दो हजार करोड़ रुपए अधिक है. इस आंकड़े से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हिमाचल में आसमान से किस कदर आफत बरसी है.
हिमाचल प्रदेश में सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त मानसून का कहर: आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 382 लोगों की मौत हुई है. विभिन्न हादसों में 361 लोग घायल हुए हैं. दुखद तथ्य ये है कि राज्य में 2476 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं. इसके अलावा 10701 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसके तबाही का अनुमान लगाया जा सकता है. राज्य में 355 दुकानें और 5552 गोशालाएं तबाह हो गई हैं.
हिमाचल में हजारों घर क्षतिग्रस्त बरसात की भेंट चढ़ी 382 जिंदगियां: जानकारी के अनुसार पूरे हिमाचल प्रदेश में 24 जून से लेकर अब तक 161 लैंडस्लाइड हुए हैं. इनमें शिमला के समरहिल का हादसा सबसे दुखद रहा है. इस हादसे में 20 लोग मलबे में दबकर मौत का शिकार हो गए. मानसून सीजन में सड़क दुर्घटनाओं में 130 लोगों की जान गई है. सोलन जिले में सबसे अधिक 19 लोग और शिमला जिला में 18 लोगों की मौत रोड एक्सीडेंट में हुई है. लैंडस्लाइड से 110 लोगों ने जान गंवाई है. खाई में गिरने से 39 लोगों की मौत हुई तो वहीं, डूबने से भी 32 लोगों की जान गई है.
हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर भारी बारिश से करोड़ों का नुकसान: वहीं, अगर विभागों को हुए नुकसान का आंकड़ा देखा जाए तो पीडब्ल्यूडी को सबसे अधिक 2927 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. इसके अलावा जल शक्ति विभाग को 2118 करोड़ रुपए, हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड को 1740 करोड़ रुपए, कृषि विभाग को 357 करोड़, बागवानी विभाग को 173 करोड़ रुपए व अन्य विभागों को 121 करोड़ रुपए की क्षति हुई है. फिलहाल, बारिश का सिलसिला थमने से नुकसान का आंकड़ा स्थिर होने लगा है. अब मानसून कमजोर पड़ रहा है, लेकिन इसने हिमाचल को पांच दशक में सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है.
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