शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान भारी बारिश से जान और माल का व्यापक नुकसान हुआ है. पंडोह डैम की स्थिति ने तो एकबारगी हिमाचल को चिंता में ही डाल दिया था. वर्ष 2014 में पंडोह डैम से अचानक पानी छोड़ने से हैदराबाद के विज्ञान ज्योति इंजीनियरिंग कॉलेज के 24 छात्र बह गए थे. अब फिर से बांधों में पानी की स्थिति डरा रही है. ऐसे में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने इस मामले में संबंधित अधिकारियों के साथ मीटिंग की है.
मुख्य सचिव ने कहा कि बांध सुरक्षा अधिनियम-2021 (डीएसए) और केंद्रीय जल आयोग द्वारा वर्ष 2015 में जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना न करने पर बांध परियोजनाओं में विफलता के लिए डैम मैनेजमेंट की जिम्मेदारी भी तय की जानी चाहिए. उन्होंने अधिकारियों को कहा कि बांध प्रबंधन की लापरवाही के कारण हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जाए. रिपोर्ट के बाद दोषियों के खिलाफ एक्शन होगा और कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.
उन्होंने बताया कि केंद्रीय जल आयोग ने वर्ष 2014 में पंडोह डैम के पानी के बहाव में 24 छात्रों के डूब जाने के बाद बांधों से पानी छोड़े जाने के साथ-साथ आपदा पूर्व चेतावनी प्रणाली को मजबूत करने के दिशा-निर्देश जारी किए हुए हैं. मुख्य सचिव ने कहा कि इस अधिनियम में सभी बांधों की निगरानी, निरीक्षण, संचालन और रख-रखाव का प्रावधान है, लेकिन कुछेक प्राधिकरण इनकी अनुपालन में विफल रहे हैं. ऐसे में सार्वजनिक और निजी संपत्ति तथा फसल को भारी नुकसान होने के साथ-साथ सडक़ नेटवर्क भी प्रभावित हुआ है.