हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

Himachal High court: डॉक्टर्स की सहमति के बिना मेडिकल कॉलेजों में डेपुटेशन पर रोक, हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

हिमाचल हाईकोर्ट ने डॉक्टर्स की सहमति के बिना मेडिकल कॉलेजों में डेपुटेशन पर रोक लगा दी है. मामले में हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को नोटिस जारी कर मांगा जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 24 अगस्त को होगी.(ban on deputation without doctors consent)(Himachal court issues notice to health secretary) (Himachal High court)

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Jul 13, 2023, 6:52 AM IST

शिमला: डॉक्टर्स की सहमति के बिना उन्हें डेपुटेशन पर मेडिकल कॉलेजों में भेजने पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. यही नहीं, हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार के स्वास्थ्य सचिव, निदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीएमई) और टांडा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. राज्य सरकार ने चार डॉक्टर्स की याचिका पर ये फैसला दिया है. साथ ही उन्हें डेपुटेशन पर भेजने को लेकर रोक लगाई है. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 24 अगस्त को निर्धारित की है.

उल्लेखनीय है कि डॉ. अमित गुप्ता व अन्यों ने राज्य सरकार की डेपुटेशन स्कीम को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद अदालत ने पाया कि प्रार्थियों डॉ. कमल सिंह, डॉ. ममता महाजन, डॉ. मीनाक्षी वर्मा और डॉ. विक्रांत चौहान की प्रतिनियुक्ति उनकी सहमति के बगैर की गई है. यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भी है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार की ओर से डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा और इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में कार्यरत चिकित्सकों को डेपुटेशन पर नए खुले मेडिकल कॉलेजों में तैनात किया जा रहा है. डेपुटेशन पर भेजने के लिए न तो डॉक्टर्स की सहमति ली जा रही है और डेपुटेशन पर जाने के बाद उनकी जगह किसी अन्य डॉक्टर को तैनात किया जा रहा है.

याचिका के माध्यम से अदालत को बताया गया कि 7 जून 2008 को राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज टांडा और आईजीएमसी शिमला के शैक्षणिक कैडर को सेपरेट किया था. याचिकाकर्ता टांडा मेडिकल कॉलेज के शैक्षणिक कैडर में समायोजित हो गए. उसके बाद 17 नवंबर 2018 को राज्य सरकार ने चार नए मेडिकल कालेज खोले. सरकार ने इन कालेजों में शैक्षणिक कैडर के पदों को भरने के लिए योजना बनाई कि जब तक इन पदों को नियमित तौर पर नहीं भरा जाता है, तब तक टांडा व शिमला में कार्यरत चिकित्सकों को डेपुटेशन पर नए मेडिकल कॉलेजों में भेजा जाए.

हाईकोर्ट को बताया गया कि इससे पहले 5 मई 2022 को भी प्रतिनियुक्ति आधार पर किए गए तबादला आदेशों को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई थी. उस समय राज्य सरकार ने चंबा मेडिकल कालेज में विभिन्न पदों को भरने के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज से प्रतिनियुक्ति आधार पर स्थानांतरण किया था. हाईकोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार के आश्वासन के बाद इस याचिका को बंद कर दिया गया था. सरकार ने भरोसा दिया था कि डेपुटेशन प्रक्रिया केवल नियमित भर्ती होने तक ही सीमित रहेगी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि इसके बावजूद राज्य सरकार ने 9 जून 2023 को दोबारा से चंबा मेडिकल कालेज में प्रतिनियुक्ति के आदेश दे दिए. याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि राज्य सरकार की प्रतिनियुक्ति योजना को रद्द किया जाए.

ये भी पढ़ें:Himachal High Court: लोअर बाजार शिमला के तहबाजारियों को 28 दिन की राहत, वेंडिंग कमेटी गठित न करने पर कमिश्नर को हाईकोर्ट की फटकार

ABOUT THE AUTHOR

...view details