शिमला: हिमाचल कांग्रेस ने 2022 में विधानसभा चुनाव प्रचार में गारंटी दी थी कि सत्ता में आने के बाद वो 18 से 60 साल आयु वर्ग की महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह देगी. कांग्रेस की दस प्रमुख गारंटियों में से इस गारंटी ने वोटर्स का सबसे अधिक ध्यान खींचा था. हालांकि कर्मचारी बहुल राज्य हिमाचल में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के वादे ने कांग्रेस की जीत में अहम योगदान दिया, लेकिन सबसे चर्चित गारंटी महिलाओं को डेढ़ हजार रुपए प्रतिमाह देने से जुड़ी थी.
अब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस को सत्ता में आए एक साल का अर्सा होने जा रहा है, लेकिन महिलाओं से किए गए वादे को पूरा करने में अभी खास काम नहीं हुआ है. सिर्फ स्पीति घाटी की कुछ महिलाओं को ये लाभ मिलने वाला है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस की ये अधूरी गारंटी लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए परिणाम की दृष्टि से घातक साबित होगी? ऐसा सोचने के पीछे कई कारण हैं.
हिमाचल में महिला वोटर्स ज्यादा:तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव की बाजी फतह करने के बाद भाजपा का आत्मविश्वास शिखर पर है. तेलंगाना में विजय पताका कांग्रेस के हाथ लगी है. भाजपा व कांग्रेस हालिया चुनाव परिणाम का विश्लेषण अपने-अपने तरीके से कर रहे हैं, लेकिन एक बात तय है कि 2024 के रण में जनता राजनीतिक दलों से उनकी गारंटी को लेकर गारंटीड सवाल पूछेगी. हिमाचल की बात करें तो ऊंची साक्षरता दर वाले राज्य में महिला वोटर्स बढ़-चढ़कर मतदान में भाग लेती हैं. महिलाओं ने हमेशा से वोटिंग पर्सेंटेज में पुरुष मतदाताओं के मुकाबले बाजी मारी है. हिमाचल में साक्षरता दर अच्छी होने के कारण महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति अपेक्षाकृत अधिक जागरूक हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से ये सवाल जरूर पूछा जाएगा कि 1500 रुपए वाली गारंटी का क्या हुआ.
'सुक्खू भाई, दस गरंटियां केथी पाई': वहीं, हिमाचल भाजपा को इस मसले पर कांग्रेस को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. भाजपा ने तो दस गारंटियों पर लोक बोली में एक नारा तक दे दिया था. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को संबोधित करते हुए नारा दिया गया था-सुक्खू भाई, दस गरंटियां केथी पाई. नेता प्रतिपक्ष ने इस नारे का प्रयोग कांगड़ा, ऊना, मंडी, कुल्लू आदि जिलों की बोलियों के साथ सभाओं में किया था.
कांग्रेस की गारंटी: वहीं, सीपीएस सुंदर ठाकुर ने कुल्लवी में महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा था कि परिवार में एक महिला होगी तो 1500 रुपए, दो होंगी तो 3000, तीन महिलाएं होंगी तो पैंतालीस सौ और चार होंगी तो छह हजार रुपए मिलेगा. इसी तरह सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कहा था कि एक महिला को 1500 रुपए प्रति माह मिलेगा यानी साल भर में 18 हजार रुपए की रकम उसके खाते में आएगी. हालांकि जिस समय ये गारंटियां दी जा रही थीं तो सभी ने सवाल उठाया था कि कर्ज में डूबे राज्य के खजाने में इतनी ताकत नहीं है कि महिलाओं को ये लाभ दिया जाए. उस समय कांग्रेस की तरफ से ये तर्क दिया जाता था कि राजस्व जुटाना आना चाहिए, सभी गारंटियां पूरी हो सकती हैं.