शिमला:हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शपथ ले ली है. शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सुक्खू को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कॉलेज की राजनीति से लेकर प्रदेश की सियासत और अब सत्ता के शिखर तक पहुंचे हैं. (Sukhwinder Singh Sukhu Profile) (Who is Sukhwinder Singh Sukhu)
CR से CM तक का सफर- HPU से ग्रेजुशन और एलएलबी करने वाले सुखविंदर सुक्खू हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति की शुरुआत की. कॉलेज की राजनीति में CR यानी Class Representative से शुरुआत करने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू अब हिमाचल के मुख्यमंत्री बन गए हैं. कॉलेज की क्लास से लेकर कांग्रेस के विधायक दल का नेता और अब मुख्यमंत्री बनने तक उनका लंबा सियासी करियर है. (Sukhwinder singh Sukkhu) (HP CLP Leader)
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने NSUI शुरू की राजनीति. छात्र राजनीति और पार्षद- HPU से ग्रेजुशन और एलएलबी करने वाले सुखविंदर सुक्खू हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति की शुरुआत की. जिसके बाद वो साल 1988 से 1995 तक NSUI के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. सुखविंदर सिंह सुक्खू यूथ कांग्रेस में भी रहे हैं और इसी दौरान उन्हें शिमला नगर निगम में पार्षद का चुनाव भी लड़ा था. सुक्खू दो बार शिमला नगर निगम के पार्षद रह चुके हैं. (Himachal New CM Sukhwinder Singh Sukhu)
सुखविंदर सिंह सुक्खू बने हिमाचल के सीएम. चौथी बार विधायक बने हैं सुखविंदर सुक्खू-कांग्रेस विधायक दल का नेता चुने गए सुखविंदर सुक्खू हमीरपुर जिले की नादौन सीट से विधायक हैं. इस बार चौथा चुनाव जीते हैं. साल 2003 में पहली बार विधायक बने सुखविंदर सिंह सुक्खू 2007 और 2017 में भी नादौन सीट से विधायक बन चुके हैं. 2012 विधानसभा चुनाव में उन्हें हार मिली थी. इन चुनावों में सुखविंदर सिंह सुक्खू को कांग्रेस आलाकमान की ओर से चुनाव प्रचार समिति की कमान सौंपी गई थी.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं- सुखविंदर सिंह सुक्खू 2013 से 2019 तक हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं. इससे पहले वो प्रदेश कांग्रेस महासचिव के पद पर रहे. सुखविंदर सिंह ने उस दौर में संगठन संभाला था जब हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह थे. इस दौरान सुक्खू और वीरभद्र सिंह के बीच तनातनी ने कई बार सुर्खियां बटोरीं.
सुक्खू के सामने चुनौती-सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 7वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. इसके साथ ही उनके सामने चुनौतियों का पहाड़ होगा. जिसमें हिमाचल पर बढ़ता कर्ज का बोझ और बेरोजगार युवाओं की बढ़ती फौज सबसे बड़ी चुनौती होगी. इसके अलावा चुनाव के दौरान कांग्रेस के किए वादों को अमलीजामा पहनाना उनके सामने पहली चुनौती होगी. क्योंकि कांग्रेस ने घोषणा पत्र के साथ-साथ चुनावी रैलियों के मंच से इस बात की घोषणा की थी कि सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट में ही हिमाचल में ओल्ड पेंशन स्कीम को हरी झंडी देने के साथ-साथ एक लाख नौकरियां दी जाएंगी. इसके अलावा कांग्रेस ने 18 साल से 60 साल तक की हर महिला को 1500 रुपये मासिक देने का ऐलान किया है. कर्ज तले डूबते हिमाचल प्रदेश में इन घोषणाओं को पूरा करना सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी.
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