चंडीगढ़:शनिवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के बीच मुलाकात हुई. मुलाकात के बाद दोनों मुख्यमंत्रियों ने मीडिया से बात की. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हिमाचल के मुख्यमंत्री के साथ कई मुद्दों पर बातचीत की गई. किशाऊ डैम रेणुका डैम पर बात हुई किसान डैम का मुद्दा लंबे समय से अटका हुआ है. इसे जल्द से जल्द पूरा करवाने को लेकर बात हुई.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इसके अलावा आदि बद्री डैम को लेकर भी बात हुई है. वाटर सेस को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस पर हमारी सहमति नहीं है, क्योंकि इससे बिजली के रेट बढ़ेंगे और इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा जो सैद्धांतिक रूप से भी सही नहीं है. हालांकि हिमाचल के साथ नए प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा जारी रहेगी. मुख्यमंत्री ने एसवाईएल को लेकर कहा कि इस मुद्दे पर हिमाचल के साथ हमारा कोई मतभेद नहीं है, लेकिन अगर हिमाचल का पंजाब के साथ कोई मतभेद होता है तो हम उस लड़ाई को मिलकर लड़ेंगे.
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 179 हाइड्रो प्रोजेक्ट है. जिनमें बिजली का उत्पादन किया जाता है. उन्हीं में से हरियाणा को भी बिजली मिलती है. उन्होंने कहा कि मसले संवाद के जरिए हल हो सकते हैं. आज हम ने मुलाकात की है इसके बाद सचिव स्तर पर भी हरियाणा और हिमाचल में मुलाकात का सिलसिला जारी रहेगा. वाटर सेस के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इसका असर पंजाब और हरियाणा पर डायरेक्ट नहीं पड़ेगा बल्कि बिजली बनाने वाली कंपनियों पर पड़ेगा. केंद्र द्वारा भेजे गए पत्र को लेकर उन्होंने कहा कि इसको लेकर हम केंद्र से बात करेंगे केंद्र हमारे अधिकार क्षेत्र को कम नहीं कर सकता.
क्या है मामला:हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए पनबिजली उत्पादन पर वाटर सेस लागू किया है. पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर राजस्व जुटाने के लिए सरकार ने बिजली उत्पादन पर पानी का सेस लगाने का फैसला लिया है. प्रदेश में छोटी-बड़ी करीब 175 पनबिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस से सरकार के खजाने में हर साल करीब 700 करोड़ रुपए जमा होंगे.