शिमला: हिमाचल प्रदेश में अडानी समूह के दो सीमेंट कारखानों में तालाबंदी के बाद की स्थिति को लेकर सरकार अब निर्णय लेने की दिशा में आगे बढ़ी है. शुक्रवार को देर शाम तक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, बिलासपुर जिला के विधायकों, अफसरों व ट्रक ऑपरेटर्स के साथ मीटिंग में कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी. राज्य सरकार के संबंधित विभागों के अफसर दो दिन के भीतर कंपनी प्रबंधन के साथ मीटिंग करेंगे. यदि अडानी समूह का रवैया फिर भी टालमटोल वाला रहता है तो राज्य सरकार ग्रुप के साथ सख्ती करेगी.
मीटिंग में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बात को लेकर स्पष्ट संकेत दिए हैं. बताया जा रहा है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उद्योग विभाग को साफ कह दिया है कि सरकार अब और लंबा विवाद सहन नहीं करेगी. यदि अडानी समूह अड़ा रहता है तो कंपनी के खिलाफ सरकार एक्शन लेगी. इसमें उद्योगों को दी जाने वाली सब्सिडी वापिस लेने का फैसला हो सकता है. साथ ही सरकार द्वारा दी गई करीब आठ सौ बीघा जमीन को लेकर भी अडानी समूह के खिलाफ राज्य के नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई होगी.
राज्य सरकार अडानी ग्रुप के साथ कानूनी व प्रशासनिक सख्ती की दिशा में आगे बढ़ेगी. कुल मिलाकर संकेत ये दिया गया है कि अडानी समूह की मनमानी सहन नहीं की जाएगी. सरकार के इस कड़े रुख से मीटिंग में मौजूद ट्रक ऑपरेटर भी संतुष्ट दिखे. यही कारण है कि कल यानी शनिवार का चक्का जाम वापिस ले लिया गया है. सीएम के साथ आयोजित मीटिंग में ट्रक ऑपरेटर्स की परेशानियों पर भी विस्तार से चर्चा हुई. मीटिंग में बिलासपुर जिले के विधायकों ने भी भाग लिया.