शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सरकार ने निराश्रितों के लिए सुखाश्रय कोष योजना शुरू की है. इस योजना के तहत तहत निराश्रितों के लिए सरकार ने 101 करोड़ का सुखाश्रय फंड स्थापित किया है. सरकार के साथ ही समाज के अन्य वर्ग भी सुखविंदर सरकार की इस योजना में अपना सहयोग दे रहे हैं. इसमें बिजनेस समूहों के अलावा संस्थाएं, संगठन और व्यक्तिगत तौर पर भी लोग डोनेट कर रहे हैं. इस फंड में अब तक करीब 70 लाख का डोनेशन लोग कर चुके हैं.
सुखविंदर सरकार ने सत्ता को संभालने के बाद एक बड़ा फैसला निराश्रितों के लिए सुखाश्रय योजना चलाने का किया है. इसके तहत सुखाश्रय सहायता कोष बनाया गया है. इस कोष से सरकार निराश्रितों के लिए कई कदम उठा रही है. राज्य में करीब 6000 बच्चे सुख आश्रय योजना के दायरे में हैं. इसके अलावा आश्रमों में रहने वाले बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल हैं, जिनका कोई नहीं है. सरकार इनके लिए कई कदम उठा रही है. जाहिर तौर पर इसके लिए काफी धनराशि की जरूरत है. यही वजह है कि सरकार इसके लिए कॉरपोरेट सेक्टर के साथ ही विभिन्न संगठनों और संस्थाओं की सहयोग ले रही है.
दिल खोलकर दान कर रहे हैं लोग, बच्चे भी नहीं है पीछे: सुखविंदर सरकार की इस पहल का चारों ओर स्वागत हो रहा है. यही वजह है कि कई औद्योगिक समूह, समाजिक संस्थाएं, कर्मचारी संगठन और व्यक्तिगत तौर पर भी लोग डोनेशन के लिए आगे आ रहे हैं. अब तक करीब 70 लाख रूपए का फंड इसमें अतिरिक्त तौर पर जमा करवाया गया है. इनमें करीब 12 डोनरों ने 2 लाख से अधिक डोनेट किया है. एक बडे उद्यौगिक समूह ने 11 लाख का फंड दिया है. हिमाचल प्रदेश प्राइवेट नर्सिंग एसोसिएशन की ओरसे 5 लाख, कुल्लू की एक एसोसिएशन ने भी 5 लाख क राशि जमा करवाई है. इसके अलावा भी काफी संख्या में लोगों ने राशि जमा करवाई है.
स्कूली छात्र ने अपनी गुल्लक डोनेट किए 11 हजार:मुख्यमंत्री की इस नेक योजना से प्रोत्साहित होकर कई युवक और यहां तक स्कूली बच्चे भी इसमें डोनेट कर रहे हैं. शिमला के एक 9वीं कक्षा के छात्र शशांक गौतम ने कुछ दिन पहले अपनी गुलक तोड़कर सीएम फंड में इसकी 11 हजार की राशि दी. वह इस योजना को सुनकर प्रोत्साहित थे और गुल्क में जमा अपनी राशि सरकार के उस फंड में देना चाहते थे, जिससे निराश्रित बच्चों की मदद की जा रही है.