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Himachal Cabinet: हिमाचल मंत्रिमंडल का हुआ गठन, इन सात विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ

हिमाचल प्रदेश में चुनाव जीतने के एक महीने बाद सुखविंदर सरकार की कैबिनेट का गठन हो गया है. आज सुबह 10 बजे शिमला के राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने 7 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. पढे़ं पूरी खबर... (Himachal cabinet ministers)

हिमाचल मंत्रिमंडल का हुआ गठन.
हिमाचल मंत्रिमंडल का हुआ गठन.

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Published : Jan 8, 2023, 2:16 PM IST

Updated : Jan 9, 2023, 10:55 AM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश मेंचुनाव जीतने के एक महीने बाद सुखविंदर सरकार की कैबिनेट का गठन हो गया है. आज सुबह 10 बजे शिमला के राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने 7 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कार्यवाही का संचालन किया. (Himachal cabinet ministers) (7 MLA took oath as ministers in Himachal)

इन 7 विधायकों को दिलाई मंत्री पद की शपथ-धनीराम शांडिल ने सबसे पहले मंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद चंद्र कुमार ने दूसरे स्थान पर मंत्री पद की शपथ ली. तीसरे स्थान पर हर्षवर्द्धन चौहान, चौथे स्थान पर जगत सिंह नेगी ने मंत्री पद की शपथ ली. पांचवें स्थान पर रोहित ठाकुर ने मंत्री पद की शपथ ली. अनिरुद्ध सिंह ने छठे स्थान पर और विक्रमादित्य सिंह ने सातवें स्थान पर मंत्री पद की शपथ ली. शिमला को पहली ही सूची में तीन मंत्री मिले हैं. वहीं, मंत्रियों के तीन पद अभी भी खाली हैं. (Himachal cabinet minister list) (sukhu cabinet expansion)

कौन हैं मंत्री धनीराम शांडिल- सोलन सदर से विधायक कर्नल धनीराम शांडिल ने सबसे पहले मंत्री पद की शपथ ली. वे सोलन सीट से तीसरी मर्तबा विधायक चुनकर आए हैं और दो बार अपने दामाद राजेश कश्यप को इस सीट पर हरा चुके हैं. जातिगत समीकरणों को साधने का प्रयास करते हुए शांडिल को मंत्री पद में तवज्जों दी गई है. कर्नल धनीराम शांडिल स्वर्गीय श नारायणु राम शांडिल के पुत्र हैं, जिनका जन्म 20 अक्टूबर, 1940 को गांव बशील, तहसील कंडाघाट, जिला सोलन में हुआ. शिक्षा की अगर बात की जाए तो शांडिल एमए, एमफिल और पीएचडी किए हुए हैं. इनका एक बेटा और दो बेटियां है. 1962 से 1996 तक कर्नल धनीराम शांडिल भारतीय सेना में रहे और कर्नल के रूप में रिटायर हुए. उसके बाद 1994 में शांडिल ने हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते. फिर 2004 में कांग्रेस की ओर से शांडिल ने लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.

शपथ लेते मंत्री धनीराम शांडिल.

कौन हैं मंत्री चंदर कुमार-जवाली से विधायक चंदर कुमार ने दूसरे स्थान पर मंत्री पद की शपथ ली है. मौजूदा विधानसभा में उन्हें प्रोटेम स्पीकर भी बनाया गया था. 2022 के विधानसभा चुनावों में चंदर कुमार ने बीजेपी के संजय गुलेरिया को हराया था. चंद्र कुमार कांगड़ा जिले के जवाली विधानसभा क्षेत्र से छठी बार जीत कर आए है. चंदर कुमार 2004 से लेकर 2009 तक लोकसभा के सदस्य रहे हैं. 78 वर्षीय चंद्र कुमार ने एमए, एमएड और एलएलबी की पढ़ाई की है. चंद्र कुमार के पास 2 करोड़ से ज्यादा की चल और अचल संपत्ति है. चंद्र कुमार हिमाचल सरकार में साल 1982 से 2004 के बीच राज्य मंत्री, कृषि और वानिकी का पद भी संभाल चुके हैं. इसके साथ ही वह साल 1989-1990 के बीच हिमाचल सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में बिजली और परियोजना विभाग की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं.

शपथ लेते मंत्री चंदर कुमार.

कौन हैं मंत्री ठाकुर हर्षवर्धन चौहान- शिलाई से विधायक ठाकुर हर्षवर्धन चौहान ने तीसरे स्थान पर मंत्री पद की शपथ ली है. ठाकुर हर्षवर्धन चौहान ने शिलाई सीट से भाजपा के बलदेव तोमर को हराकर जीत अपने नाम की थी. विधायक हर्षवर्धन चौहान इस बार छठी बार विधानसभा पहुंचे हैं. सिरमौर एनएसयूआई में वह जिला महासचिव रहे हैं. शिमला विश्वविद्यालय में कैंपस बॉडी में हिमाचल एनएसयूआई के महासचिव रहे. यहां से उनकी एंट्री युवा कांग्रेस में हुई और राज्य महासचिव बने. हर्षवर्धन ने 1993 में शिलाई से चुनाव लड़ा और विधायक बने. 1998, 2003, 2007, 2017 में विधायक बने. एक बार सीपीएस रहे और एक बार राज्य रोजगार सृजन बोर्ड के चेयरमैन भी रहे हैं. इन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी की है.

शपथ लेते मंत्री ठाकुर हर्षवर्धन चौहान.

कौन हैं मंत्री जगत सिंह नेगी-किन्नौर से विधायक जगत सिंह नेगी ने चौथे स्थान पर मंत्री पद की शपथ ली है. जगत सिंह नेगी चार बार किन्नौर सीट से विधायक रह चुके हैं. इस बार उन्होंने पांचवी बार यहां से जीत हासिल की है. उन्होंने 2022 के चुनावों में भाजपा के सूरत नेगी को हराकर जीत हासिल की. पूर्व विधायक रहे दिवंगत ज्ञान सिंह नेगी के घर जगत सिंह नेगी का जन्म 2 फरवरी 1957 को कल्पा जिले के किन्नौर में हुआ. उन्होंने बीए एलएलबी की पढ़ाई चंडीगढ़ और पंजाब विश्वविद्यालय से की है. इनका एक बेटा और एक बेटी है. 1996 से लेकर 98 तक जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष किन्नौर रहे. पहली बार उपचुनाव में 27 मई 1995 से लेकर 98 तक विधायक रहे. दूसरी बार 2003 में विधायक बने और संसदीय सचिव रहे. 2012 से लेकर 2022 तक लगातार तीन बार विधायक चुने गए, जबकि पूर्व कांग्रेस सरकार में 2012 से लेकर 2017 तक विधानसभा उपाध्यक्ष रहे. भाजपा सरकार के कार्यकाल में कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक रहे.

शपथ लेते मंत्री जगत सिंह नेगी.

कौन हैं मंत्री रोहित ठाकुर-जुब्बल कोटखाई से विधायक रोहित ठाकुर ने पांचवें स्थान पर मंत्री पद की शपथ ली है. जुब्बल कोटखाई से विधायक रोहित ठाकुर चौथी बार जीतकर विधानसभा में पहुंचे. रोहित ठाकुर का जन्म 14 अगस्त 1974 को जुब्बल में हुआ. उन्होंने स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की है. रोहित ठाकुर ने अपने दादा स्वर्गीय रामलाल ठाकुर के निधन के बाद पहली बार राजनीति में कदम रखा. उन्होंने पहला चुनाव वर्ष 2003 में लड़ा और जीत हासिल कर विधायक बने. उसके बाद 2007 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. 2012 के चुनाव में रोहित ठाकुर ने बतौर कांग्रेस प्रत्याशी फिर से विजय हासिल की. तत्कालीन प्रदेश सरकार में रोहित ठाकुर मुख्य संसदीय सचिव के पद पर भी रहे. 2017 के विधानसभा चुनाव में रोहित ठाकुर को फिर हार का सामना करना पड़ा. पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा की मृत्यु के बाद वर्ष 2021 में उपचुनाव हुए. इसमें रोहित ठाकुर ने विजय हासिल की. 2022 के विधानसभा चुनाव में भी रोहित ठाकुर 5,069 मत से जीते.

शपथ लेते मंत्री रोहित ठाकुर.

कौन हैं मंत्री अनिरुद्ध सिंह-कसुम्पटी से विधायक अनिरुद्ध सिंह ने छठे स्थान पर मंत्री पद की शपथ ली है. अनिरुद्ध सिंह ने इस बार कसुम्पटी से जीत हासिल कर हैट्रिक लगाई है. अनिरुद्ध सिंह ने इस बार भाजपा के सुरेश भारद्वाज को हराया है. वह विधायक चुने जाने से पहले शिमला जिला परिषद के चैयरमैन भी रहे हैं. अनिरूद्ध सिंह का एक पक्ष यह है कि वह राजघराने से संबंधित हैं. उनका जन्म 27 जनवरी 1977 को हुआ. उन्होंने पहली बार 2012 में कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा. इसके बाद 2017 में वे फिर जीतकर आए. कोटी रियासत के राणा अनिरुद्ध सिंह की अपने चुनाव क्षेत्र के युवाओं में और मतदाताओं में अच्छी पकड़ होने के साथ पार्टी में भी अपनी पैठ बनाई है. लंबे राजनीतिक अनुभव के चलते वे पार्टी में भी अपनी पहचान बनाए हुए हैं.

शपथ लेते मंत्री अनिरुद्ध सिंह.

कौन हैं मंत्री विक्रमादित्य सिंह-शिमला ग्रामीण सीट से विधायक विक्रमादित्य सिंह ने सातवें स्थान पर मंत्री पद की शपथ ली है. विक्रमादित्य सिंह दो बार इस सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की है. विक्रमादित्य सिंह ने 2022 के चुनावों में भाजपा के रवि मेहता को हराकर जीत हासिल की थी. विक्रमादित्य सिंह का जन्म 17 अक्तूबर 1989 को हुआ. पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह और वर्तमान में मंडी से सांसद व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभाल रहे है. उनकी स्कूली शिक्षा शिमला के बीसीएस से हुई. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक और सेंट स्टीफन कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी से इतिहास में एमए की डिग्री पूरी की. विक्रमादित्य सिंह वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस के महासचिव भी हैं. (Himachal cabinet ministers 2023)

शपथ लेते मंत्री विक्रमादित्य सिंह.

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Last Updated : Jan 9, 2023, 10:55 AM IST

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