हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

हिमाचल ने तीन साल में खरीदी 130 करोड़ से ज्यादा की दवाएं: स्वास्थ्य मंत्री - हिमाचल प्रदेश न्यूज

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल के अनुसार राज्य सरकार ने वर्ष 2017 से 2020 की अवधि में मरीजों के लिए 130 करोड़, 73 लाख रुपए से अधिक की दवाएं परचेज की हैं.

Health Minister Dr. Rajiv Saizal News, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल न्यूज
कॉन्सेप्ट इमेज.

By

Published : Mar 1, 2021, 8:53 PM IST

शिमला:हिमाचल सरकार ने तीन साल की अवधि में स्वास्थ्य संस्थानों के लिए 130 करोड़ रुपए से अधिक की दवाएं खरीदी हैं. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल के अनुसार राज्य सरकार ने वर्ष 2017 से 2020 की अवधि में मरीजों के लिए 130 करोड़, 73 लाख रुपए से अधिक की दवाएं परचेज की हैं.

ये जानकारी कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर, लखविंद्र राणा व भाजपा विधायक रमेश ध्वाला के संयुक्त सवाल के लिखित जवाब में दी गई. जवाब में राजीव सैजल की तरफ से बताया गया कि प्रदेश सरकार ने 174 करोड़, 48 लाख 7449 रुपए का बजट उपकरण खरीदने के लिए जिला वाइज जारी किया है.

जानकारी के मुताबिक सीएमओ बिलासपुर ने 5 करोड़, 42 लाख 68 हजार 935 रुपए, सीएमओ चंबा ने 9 करोड़ 11 लाख 24 हजार 717, सीएमओ हमीरपुर ने 5 करोड़ 21 लाख 30 हजार 709 रुपए, सीएमओ कांगड़ा ने 17 करोड़ 38 लाख 30 हजार 485, सीएमओ कुल्लू ने 5 करोड़ 68 लाख 15 हजार 725, किन्नौर ने 2 करोड़ 12 लाख 8 हजार 383, लाहौल स्पीति 13 करोड़ 25 लाख 1014.

मंडी 12 करोड़ 97 लाख 77 लाख 437, शिमला 10 करोड़ 41 लाख 2286, सिरमौर 36 करोड़ 86 लाख 90901, सोलन 10 करोड़ 20 लाख 95 हजार 542, ऊना 67 करोड़ 59 लाख 7746, जोनल अस्पताल मंडी 75 करोड़ 74 लाख 1704, जोनल अस्पताल शिमला 38 करोड़ 94 लाख 77684, रीजनल हॉस्पिटल 37 करोड़ 36 लाख 3292.

सोलन 30 करोड़ 99 लाख 2189, ऊना मेडिकल सुपरिडेंट 38 करोड़ 68 लाख 7472, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट खनेरी 24 करोड़ 68 लाख 9964, रोहड़ू शिमला 9 करोड़ 23 लाख 7038, टीबी सेंटर धर्मपुर 1 करोड़ 52 लाख 755, कांगड़ा सीएच पालमपुर 41 करोड़ 98 लाख 8074, मनोरोग अस्पताल शिमला के लिए 1 करोड़ 82 लाख 4741 का बजट दवाईयों के लिए जारी हुआ है.

इसके अलावा मंडी जिला की द्रंग विधानसभा से भाजपा विधायक जवाहर ठाकुर के सवाल के लिखित जवाब में सीएम जयराम ठाकुर ने बताया कि बीते 3 साल से 31 जनवरी तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, नाबार्ड व अन्य योजनाओं के तहत कुल 44 सड़कें मंजूर हुई.

23 सड़कें स्वीकृत

इसमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 15, नाबार्ड के तहत 6, अन्य योजनाओं के तहत 23 सड़कों को स्वीकृत किया गया. इन सड़कों में से 2 सड़कों का निर्माण कार्य अभी आरंभ नहीं किया गया है. जिनका काम शुरू नहीं हुआ, उनमें एक सड़क प्रधानमंत्री सडक़ योजना के अंतर्गत व एक कार्य नाबार्ड योजना के तहत ज्वालापुर-पराशर सड़क है. इनका कार्य टैंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद मई 2021 में आरंभ कर दिया जाएगा.

जल्द बनेगा सुजानपुर का टॉउन हॉल

कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा के सवाल पर लिखित जवाब में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने की तरफ से जानकारी दी गई कि सुजानपुर टॉउन हॉल का नक्शा बदलने के लिए 2 दिसंबर को सहायक अभियंता, लोक निर्माण विभाग सुजानपुर को भेजा गया था.

यह नक्शा वास्तुकार लोक निर्माण विभाग शिमला के पास विचाराधीन है. प्रस्तावित भूमि पर पशुपालन विभाग द्वारा बनाए गए पुराने भवन को गिराने के लिए अनापति प्रमाण पत्र चाहिए. उन्होंने बताया कि इस भूमि पर नौ पेड़ हैं, जिन्हें काटने की अनुमति डीसी हमीरपुर से मिल चुकी है.

नालागढ़ व ऊना में भूमि चिन्हित

वहीं, नालागढ़ के कांग्रेस विधायक लखविंद्र सिंह राणा ने बल्क ड्रग पार्क को लेकर सवाल पूछा था. लिखित जवाब में उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने बताया कि बल्क ड्रग पार्क की स्थापना के लिए उद्योग विभाग ने नालागढ़ व ऊना में भूमि चिन्हित की है. नालागढ़ में चिन्हित भूमि काफी नहीं थी. इस कारण प्रदेश को मिलने वाले अंकों में कमी की संभावना थी. इसके लिए ऊना में चिन्हित की गई भूमि बेहतर है.

नालागढ़ में बल्क ड्रग पार्क की स्थापना के लिए चिन्हित स्थल के विकास तथा बाहरी संपर्क सडक़ उपलब्ध करवाने की अनुमानित लागत ऊना में चिन्हित स्थल की तुलना में बहुत अधिक थी. जवाब में बताया गया कि बल्क ड्रग पार्क के लिए पानी एक प्रमुख मापदंड है. जल शक्ति विभाग हिमाचल प्रदेश के अनुमान के अनुसार लगभग 15 एमएलडी पानी उपलब्ध करवाने के लिए बुनियादी ढांचे की अनुमानित लागत नालागढ़ में ऊना की तुलना में बहुत अधिक थी.

आशा वर्कर नहीं होगी नियमित

कांग्रेस विधायक इंद्र दत्त लखनपाल के सवाल के लिखित जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि प्रदेश में आशा वर्कर नियमित नहीं होगी. उन्होंने कहा कि आशा कार्यक्रम केंद्र सरकार द्वारा चलाया गया है.

किन्नौर में आग लगने की 15 घटनाएं

कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी के सवाल के लिखित उत्तर में वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि बीते साल जिला किन्नौर के जंगलों में आग लगने की 15 घटनाएं हुई. इस कारण 23 लाख 53 हजार 956 रूपए की संपत्ति का नुकसान हुआ.

आग बुझाने के लिए वन विभाग द्वारा तैनात किए गए वन कर्मी, फायर वाचर, आईटीबीपी के जवानों व स्थानीय लोगों की मदद ली गई. मंत्री के लिखित जवाब में जानकारी दी गई कि किन्नौर में आग बुझाने के लिए 2 लाख 54,090 रूपए की रकम खर्च हुई.

ये भी पढ़ें-हिमाचल प्रदेश को केंद्र की बड़ी सौगात, रेल मंत्री ने कही ये बड़ी बात

ABOUT THE AUTHOR

...view details