शिमला: पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष और चुराह से भाजपा विधायक डॉ. हंसराज ने बजट सत्र के दूसरे दिन सदन के भीतर ही आमरण अनशन करने की चेतावनी दे डाली. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने सत्ता संभालते ही पूर्व सरकार के समय आखिरी नौ महीने के फैसले रिव्यू करते हुए 900 से अधिक संस्थान डी-नोटिफाई कर दिए. इनमें आकांक्षी जिला चंबा के भी कई संस्थान थे. चुराह के विधायक हंसराज ने इसे लेकर पीड़ा व्यक्त की और कहा कि चंबा जिले के स्कूल, कॉलेज, सब डिवीजन व अन्य संस्थान बंद करने से दुर्गम इलाकों की जनता परेशान है.
उन्होंने कहा कि यदि सीएम सुखविंदर सिंह और प्रदेश सरकार ने उनकी पीड़ा को नहीं समझा तो वे यहीं सदन में आमरण अनशन करेंगे. पूर्व की जयराम सरकार और मौजूदा सरकार की तुलना करते हुए हंसराज ने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार ने अक्टूबर 2017 में एक ही अधिसूचना में 21 कॉलेज खोले थे. उनमें से चंबा में भी दो कॉलेज खोले गए. उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार के समय जो कॉलेज खोले गए उनमें दो कॉलेजों की दूरी महज छह किलोमीटर थी. डलहौजी विधानसभा क्षेत्र में दो कॉलेज खोले गए.
एक कॉलेज सलूणी में खुला, एक भलेई में और एक लचोड़ी में खुला. जयराम सरकार सत्ता में आई तो उन्हें बंद नहीं किया गया. जनता की भलाई को देखते हुए उन्हें जारी रखा गया. आज वे कॉलेज चल रहे हैं. अक्टूबर 2017 में वीरभद्र सिंह सरकार उन कॉलेजों को खोलती है और नवंबर में आचार संहिता लग जाती है. फिर भी सत्ता में आने पर जयराम सरकार ने उन्हें फंक्शनल बनाया. हंसराज ने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार प्रदेश पर 48 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ गई थी.
हमारी सरकार के समय ये 69 हजार करोड़ पहुंचा और अब ढाई माह में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने साढ़े चार हजार करोड़ का कर्ज ले लिया है. हंसराज ने पूछा कि ये किस तरह का व्यवस्था परिवर्तन है? हंसराज ने पीड़ा जताई कि चंबा के मसरूंड में बड़ी कठिनाई से कॉलेज खुला था. एक कॉलेज 26 किलोमीटर की दूरी पर है तो दूसरा 48 किलोमीटर की दूरी पर. हंसराज ने कहा कि जयराम ठाकुर की सरकार के समय उनसे आग्रह किया गया तो मसरूंड में कॉलेज खुला.