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यहां भी सिरमौर: ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना हिमाचल

हिमाचल प्रदेश ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता को लागू करने वाला देश का पहला राज्य हो गया है. प्रदेश में ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता-2018 को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. जिसका मकसद कमर्शियल इमारतों में बिजली की खपत कम से कम करना है.

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Published : Jul 8, 2019, 10:24 PM IST

शिमला: ऊर्जा संरक्षण की दिशा में अहम शुरूआत करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना है. हिमाचल प्रदेश ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता को लागू करने वाला देश का पहला राज्य हो गया है. कमर्शियल इमारतों में बिजली की खपत कम से कम हो, इस मकसद से प्रदेश में ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता-2018 को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है.

इस अधिसूचना के जारी होने के बाद अब हर एक कमर्शियल भवन को उक्त संहिता के मुताबिक ही निर्माण की मंजूरी मिलेगी. राज्य में बनने वाले प्रत्येक व्यावसायिक भवन, उदाहरण के लिए शैक्षणिक संस्थान, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, होटल, अस्पताल और मल्टीप्लेक्स इसी संहिता के प्रावधानों के तहत बनेंगे. ऐसे सभी कमर्शियल भवन जिनका कुल क्षेत्र 750 वर्गमीटर या इससे ज्यादा हो, उन सभी को हिमाचल प्रदेश में ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता व नियम, 2018 के अनुसार ही निर्मित करना होगा.

ऐसे सभी भवनों को उक्त संहिता के अनुसार ही निर्माण की स्वीकृति दी जाएगी. संहिता के प्रावधानों को नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के नियमों में समायोजित करने के बाद इसे टीसीपी यानी टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की तरफ से प्रदेश में कार्यान्वित किया जाएगा.

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हिमाचल सरकार के उर्जा निदेशालय के प्रवक्ता के अनुसार ये संहिता केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी की तरफ से ऊर्जा संरक्षण अधिनियम-2001 के तहत तैयार की गई है. इसके लागू होने से हिमाचल में व्यावसायिक भवनों की ऊर्जा खपत की मांग को 30 प्रतिशत तक कम करने की उम्मीद है.संहिता में दर्ज प्रावधानों के आधार पर हिमाचल प्रदेश में जलवायु क्षेत्रों को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है. इनमें समुद्र तल से 1600 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंडी जलवायु परिस्थितियों की आवश्यकता होगी.

इसके अलावा समुद्र तल से 1600 मीटर से नीचे के क्षेत्रों को कम्पोजिट जलवायु परिस्थितियों का पालन करने की आवश्यकता होगी. ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता व नियम-2018 को नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग, हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग, हिमुडा, शहरी विकास विभाग, हिम ऊर्जा, एचपीएसईबीएल, ग्रामीण विकास विभाग जैसे हितधारक विभागों के साथ परामर्श के बाद तैयार किया गया है.

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