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बर्फानी तेंदुए और उसके शिकार का मूल्यांकन करने वाला पहला राज्य बना हिमाचल - बर्फानी तेंदुए हिमाचल प्रदेश का राज्य पशु

हिमाचल प्रदेश बर्फानी तेंदुए व इसके शिकार बनने वाले जानवरों का मूल्यांकन करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. हिमाचल के वन्यप्राणी प्रभाग ने प्रकृति संरक्षण फाउण्डेशन बेंगलुरु के सहयोग से बर्फानी तेंदुए की आबादी का आंकलन पूरा किया है.

Snow leopard
बर्फानी तेंदुआ

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Published : Jan 22, 2021, 9:02 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश बर्फानी तेंदुए व इसके शिकार बनने वाले जानवरों का मूल्यांकन करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. हिमाचल के वन्यप्राणी प्रभाग ने प्रकृति संरक्षण फाउण्डेशन बेंगलुरु के सहयोग से बर्फानी तेंदुए की आबादी का आंकलन पूरा किया है.

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मन्त्रालय के स्नो लैपर्ड पोपुलेशन असेसमेन्ट इन इंडिया के प्रोटोकॉल के आधार पर बर्फानी तेंदुए का इस प्रकार का आंकलन करने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य बन गया है. बर्फानी तेंदुए हिमाचल प्रदेश का राज्य पशु है. इसलिए प्रदेश के लिए इस आंकलन का विशेष महत्व है.

दूसरे राज्यों के लिए उदाहरण बना हिमाचल

उल्लेखनीय है कि हिमाचल में बर्फानी तेंदुए की अनुमानित आबादी 73 है. वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि लंबी अवधि के ऐसे आंकलन जमीनी स्तर पर संरक्षण के प्रभाव का पता लगाने में काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं. साथ ही हिमाचल प्रदेश दूसरे राज्यों के लिए एक उदाहरण भी बन सकता है.

हिमाचल की प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्य प्राणी) अर्चना शर्मा ने कहा कि हिम तेंदुए का घनत्व 0.08 से 0.37 प्रति सौ वर्ग किलोमीटर है. स्पीति, पिन घाटी और ऊपरी किन्नौर के हिमालयी क्षेत्रों में बर्फानी तेंदुए और उसके शिकार जानवरों आइबैक्स और भरल का घनत्व सबसे अधिक पाया गया.

हिम तेंदुए का दस इलाकों में मिले चला पता

पहाड़ी इलाकों में कैमरा ट्रैप की तैनाती किब्बर गांव के आठ स्थानीय युवाओं की एक टीम के नेतृत्व में की गई थी. इस तकनीक के तहत एचपीएफडी तकनीक के 70 से अधिक फ्रंटलाइन स्टाफ को भी परियोजना के हिस्से के रूप में प्रशिक्षित किया गया. उन्होंने बताया कि सभी दस स्थलों- भागा, हिम, चंद्र, भरमौर, कुल्लू, मियार, पिन, बसपा, ताबो और हंगलंग में हिम तेंदुए का पता चला है.

इस अध्ययन से यह पता भी चला है कि बर्फानी तेंदुए की एक बड़ी संख्या संरक्षित क्षेत्रों के बाहर है. स्थानीय समुदाय हिम तेंदुए के परिदृश्य में संरक्षण के लिए सबसे मजबूत सहयोगी हैं. एनसीएफ और वन्य जीव विंग ने इस प्रयास में सहयोग किया और मूल्यांकन को पूरा करने में तीन साल लग गए.

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