शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब बिना पंजीकरण के होम स्टे चलाना संचालकों को भारी पड़ेगा. बिना पंजीकरण चल रहे होम स्टे के संचालकों को एक लाख रुपए जुर्माना भरना होगा. इस संदर्भ में हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विकास एवं पंजीकरण विधेयक पारित हो गया है. गुरुवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान ये बिल पास हुआ. बुधवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में विधेयक पेश किया था.
6 माह की सजा समाप्त:हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास और रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक 2023 अब कानून की शक्ल लेगा. पहले इस विधेयक के तहत बिना पंजीकरण चल रहे होम स्टे को लेकर छह महीने की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान था. अब विधेयक में संशोधन के बाद छह माह की सजा को समाप्त किया गया है. साथ ही दस हजार रुपए के जुर्माने की राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपए किया गया है.
रजिस्ट्रेशन औपचारिकता के लिए 90 दिन: अब केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत संचालित किए जा रहे होम स्टे को एक माह की अवधि के भीतर फिर से नए सिरे से रजिस्टर्ड करना होगा. आवेदन करने वाली इकाइयों को उनके मौजूदा रजिस्टर लाइसेंस की अवधि खत्म होने तक फीस का भुगतान नहीं करना होगा. लाइसेंस की अवधि खत्म होने के बाद सरकार की तरफ से तय की गई रजिस्ट्रेशन फीस भरनी होगी. रजिस्ट्रेशन की औपचारिकताओं को 90 दिन के अंदर पूरा करना पड़ेगा. रजिस्टर्ड हुए होम स्टे का लाइसेंस दो साल की अवधि के लिए वैध माना जाएगा.