शिमला:हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को समाप्त हो गया. इस सत्र में कुल 7 बैठकें हुईं. सत्र की कुल कार्यवाही 36 घंटे 38 मिनट रही, जबकि सत्र को कुल 35 घंटे काम करने का था. सत्र की कुल उत्पादकता 106 फीसदी रही. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने विधानसभा को अनिश्तकाल के लिए स्थगित कर दिया. कुलदीप पठानिया ने कहा कि मानसून सत्र की उत्पादकता 106 फीसदी रही. कुल कार्यवाही 36 घंटे 20 मिनट तक चली. इसमें से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सदन में कुल 5 घंटे बोले, जबकि विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर सदन में 2 घंटे 48 मिनट समय तक बोले.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मानसून के इस सत्र में जनहित के महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई और सुझाव दिए गए. उन्होने कहा कि इस मानसून सत्र में सदस्यों द्वारा कुल 743 प्रश्न सरकार से पूछे गए, जिसमें 547 प्रश्न तारांकित और अतारांकित प्रश्न थे, इस सत्र के दौरान कुल 369 तारांकित तथा 186 अतारांकित प्रश्नों की सूचनाओं पर सरकार द्वारा जवाब उपलब्ध करवाए गए. विधानसभा सत्र में नियम 61 के तहत 8 और नियम 62 के तहत 5 विषयों पर चर्चा की गई.
सदन में 21 सितंबर गैर सरकारी दिवस था जिसमें नियम तीन गैर सरकारी संकल्प प्रस्तुत किए. जिसमें से एक का जवाब दिया गया जबकि अगले सत्र के लिए निर्धारित किए गए. विधानसभा सदन में नियम 102 के तहत हिमाचल की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर 12 हजार करोड़ का आर्थिक पैकेज मांगने का प्रस्ताव पारित किया गया. इस पर तीन दिन तक चर्चा चली जिसमें कुल 52 सदस्यों ने भाग लिया, जिसमें सत्ता पक्ष के 28 और विपत्र के 21 सदस्य शामिल हैं. इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायकों ने हिस्सा लिया. कुल मिलाकर 15 घंटे 30 मिनट इस पर चर्चा चली. कुलदीप पठानिया ने कहा कि अभी तक इस कैलेंडर वर्ष में 26 बैठकें पूरी कर चुके हैं. पिछले सत्र में 16 बैठकों का आयोजन किया गया था जिसकी कार्यवाही 75 घंटे चली थी व उसकी उत्पादकता 94 प्रतिशत रही थी और उस सत्र में 1215 सूचनाएं सदस्यों से प्रश्नों के माध्यम से प्राप्त हुई थी.
उन्होने कहा कि सदस्यों के माध्यम से जो सवाल इस सत्र में आए, उनमें मुख्यत: प्रदेश में हाल ही में भारी वर्षा तथा प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न हुई स्थिति और सरकार द्वारा उससे निपटने के लिए किए गए प्रयासों, सड़कों की दयनीय स्थिति और उसकी बहाली, स्वीकृत सड़कों की डीपीआर, प्रदेश में कालेजों, स्कूलों, स्वास्थ्य संस्थानों इत्यादि का अपग्रेडेशन एवं विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की भरने, पर्यटन, उद्यान, राजस्व, पेयजल की आपूर्ति, युवाओं में बढ़ते नशे के प्रयोग की रोकथाम, बढ़ते अपराधिक मामलों, सौर ऊर्जा, परिवहन व्यवस्था पर आधारित थी. इसके अतिरिक्त सभी सदस्यों ने अपने –अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं को भी सदन में प्रमुखता से उठाया और सरकार से आश्वासन भी प्राप्त किए.