शिमला: हिमाचल विधानसभा में बाल विधानसभा सत्र के लिए चयनित बाल विधायकों में बेटियों का ही दबदबा है. कुल 68 बाल विधायकों में से 40 बेटियां हैं, जबकि 28 लड़के हैं. यही नहीं चयनित बच्चों में से 60 बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हैं. साफ है कि बेटियां लड़कों से कहीं अधिक आगे हैं और यही नहीं सरकारी स्कूलों के बच्चों की अधिकता यह दिखा रही है कि अगर उनको अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिले तो वे भी किसी से कम नहीं है.
बाल सत्र के लिए हिमाचल प्रदेश के 63 बच्चों का चयन हुआ है जो कि 43 विधानसभा क्षेत्रों से हैं, वहीं 5 राज्यों से पांच बच्चों का भी चयन हुआ है. चयनित होने वाले कुल 68 में से इसमें 40 लड़कियां और 28 लड़के बाल विधायक के रूप में शामिल हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान सहित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से एक-एक बच्चे का चयन हुआ है. पंजाब और दिल्ली असम और गुजरात के बच्चों ने भी रजिस्ट्रेशन किया था, लेकिन वहां के बच्चों का चयन नहीं हुआ है.
सुंदरनगर स्कूल की जान्हवी बाल विधानसभा की सीएम चयनित:सुंदरनगर के सरकारी स्कूल की 10वीं कक्षा की जान्हवी इस बाल सत्र के लिए सीएम चुनी गई हैं. जान्हवी अब अपनी कैबिनेट के मंत्री चुनेंगी. मीडिया से बातचीत करते हुए जान्हवी ने कहा कि वे अपने मंत्रिमंडल के लिए शिक्षित व अनुभवी सदस्यों को चुनना चाहेंगी. वह कहती हैं कि विधायिका के लिए चुने जाने वाले सभी सदस्यों के लिए शैक्षणिक योग्यता का होना अनिवार्य है. उनका कहना है कि आज शिक्षा व स्वास्थ्य में सुधार की जरूरत है. शिक्षकों को ट्रेनिंग करवाई जानी चाहिए ताकि वे बेहतर तरीके से बच्चों को पढ़ा सके, कई शिक्षकों को स्पेलिंग तक नहीं आती.
12 जून को होगा विधानसभा बाल सत्र: विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा बाल सत्र विश्व 'बाल श्रम निषेध दिवस' पर 12 जून को आयोजित किया जा रहा है. बच्चों की राजनीतिक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए इस सत्र का आयोजन होगा बाल सत्र सुबह 10.30 बजे से शुरू होगा और इसका समापन 2.30 बजे होगा.
कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि बाल विचारों को नीति निर्माण में स्थान प्रदान कराना इसका मकसद है. बच्चों के मुद्दों व विषयों को उनके द्वारा प्रस्तुत किये जाने से मौलिकता और नवीनता को जगह मिलती है. दुनिया के कुछ देशों में बच्चे राजनीतिक प्रतिनिधित्व हासिल कर चुके हैं. देश में भी नयी पीढ़ी में राजनीतिक जागरूकता बढ़ाने के लिए यह 'सत्र' विधानसभा भवन में आयोजित किया जा रहा है. उन्होने कहा कि देश में 'युवा संसद' के जरिये बच्चों को सुनने का अवसर पहले भी मिलता रहा है, लेकिन विधानसभा भवन में इसका आयोजन बच्चों के विचारों को गंभीरता से लेने की प्रतिबद्धता बताता है. 12 जून को 'विधानसभा बाल सत्र' में जो विषय रखे जायेंगे, वो सब बच्चों द्वारा ही उठाए गए विषय होंगे.