शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इस सीजन में सेब वजन के हिसाब से बेचने की व्यवस्था लागू करने का फैसला लिया है, लेकिन इस फैसले को मानने से आढ़तियों ने साफ इंकार कर दिया है. आढ़तियों ने साफ कहा है है कि वे किलो के हिसाब से सेब नहीं बेचेंगे. दरअसल यह विवाद आज तब शुरु हुआ जब एसडीएम ठियोग, तहसीलदार ठियोग और कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) शिमला के अधिकारी निरीक्षण के लिए पराला मंडी पहुंचे. वहां पाया गया कि मंडी में किलो के हिसाब से आढ़ती सेब नहीं बेच रहे.
बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने 45 आढ़तियों के चालान किए. इस पर आढ़ती बुरी तरह से भड़क गए और दोपहर बाद तक पराला मंडी में सेब नहीं बेचा. हालांकि शाम के वक्त मंडी में पहुंचे सेब को जरूर बेचा गया. वहीं ढली के भट्टाकुफर मंडी में आज कामकाज प्रभावित हुआ. बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के दौरे के कारण भी यहां कामकाज नहीं हो पाया, हालांकि शाम के समय आढ़तियों ने यहां पर आए सेब को बेच दिया, लेकिन इसके बाद अब पूरे प्रदेश में आढ़तियों ने ऐलान किया है कि वे आज सेब नहीं बेचेंगे. मंडियां खुली रहेंगी, लेकिन वहां पर सेब नहीं बेचा जाएगा.
सब्जियों के काम को बंद करने के लिए सरकार को देंगे नोटिस:हालांकि आढ़तियों ने तय किया है कि अभी सब्जियां खरीदी जाएंगी. पूरी तरह से हड़ताल पर जाने से पहले वे संबंधित प्रशासन को नोटिस देंगे, लेकिन यह साफ कर दिया है कि वे सेब की खरीदारी नहीं करेंगे. इसके साथ ही आज से कालका से लेकर रोहड़ू तक सेब बहुल क्षेत्रों की सभी मंडियों में सेब नहीं खरीदने और हड़ताल पर जाने का ऐलान भी आढ़तियों ने कर दिया है. प्रदेश सरकार ने बागवानों की मांग पर ही पहली बार सेब को किलो के हिसाब से बेचने का निर्णय लिया है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि एपीएमसी एक्ट में भी किलो के हिसाब से बचने का प्रावधान है. हालांकि कई सालों तक इसको कड़ाई से लागू नहीं किया गया. अब प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार नेइसको लागू कर सेब वजन के हिसाब से बेचने का प्रावधान किया है, लेकिन आढ़ती इसके लिए इंकार कर रहे हैं.