सेब पेटियों के वजन में कटौती का विरोध शिमला:मंडियों में सेब की पेटियों में दो किलो की कटौती कार्टन के वजन के तौर पर करने को लेकर बागवानों ने कड़ा ऐतराज जताया है. बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के साथ हुई बैठक में बागवानों ने कहा 24 किलो की पैकिंग में से दो किलो वजन कार्टन के तौर पर काटा जा रहा है, जो अनुचित है. यही नहीं कई आढ़ती वजन की बजाए पेटियों के हिसाब से सेब के दाम तय कर रहे हैं. बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्रदेश के सेब उत्पादकों, आढ़तियों और सेब व्यापार के साथ ही अन्य स्टेक होल्डरों के साथ बैठक की. इस बैठक के दौरान सभी वर्गों से सेब सीजन को सफल बनाने के लिए सुझाव भी लिए गए.
बागवानों का कहना है कि सरकार ने 24 किलो की लिमिट सेब की पेटियों के लिए जो तय की है, उससे कन्फ्यूजन पैदा हो रहा है. आढ़ती मंडियों में 24 किलो की पेटी से दो किलो का वजन सीधे काट रहे हैं. बागवानों ने सवाल उठाया अगर आढ़ती दो किलो कार्टन का काट रहे हैं तो, कार्टन का पैसा उनको दिया जाना चाहिए. हालांकि, किसी भी पैकेड सामग्री का वजन उसके पैकेजिंग सामग्री को मिलाकर ही होता है, लेकिन बागवानों से कार्टन के वजन के नाम से 2 किलो की काट की जा रही है.
संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान कहा बागवान 24 किलो को लेकर कन्फयूजन में है और साथ में पेटियों में दो किलो कार्टन के वजन के तौर पर काटा जा रहा है, जो गैर कानूनी है. उन्होंने कहा हाल ही में पाराला मंडी में निरीक्षण के दौरान के दौरान कई आढ़तियों के पास वजन की मशीनें ही नहीं मिली. उन्होंने कहा इससे बचने के लिए सरकार को यूनिवर्सल कार्टन पर जाना चाहिए.
सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन सिंह ठाकुर ने कहा कि सेब पेटियों में कार्टन के नाम पर दो किलो की काट सही नहीं है. उन्होंने कहा सब्जी में बारदाना किसानों को वापस मिलता है, लेकिन सेब में कार्टन नहीं मिलता. यह मामला बैठक में उठाया गया है. उन्होंने कहा आढ़ती जानबूझकर भ्रमित करने को लेकर बयान दे रहे हैं. संयुक्त किसान मंच के सह संयोजक संजय चौहान ने कहा कानून कार्टन का वजन काटने की कोई इजाजत नहीं देता, लेकिन फिर भी यह हो रहा है. उन्होंने कहा कई जगह सेब के रेट वजन के मुताबिक नहीं दिए जा रहे, पेटियों के हिसाब से ही बागवानों को दाम तय कर रहे हैं. सरकार को यह देखना चाहिए.
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा प्रदेश सरकार सेब उत्पादकों के कल्याण और आगामी सेब सीजन को सफल बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है. उन्होंने कहा इस बार सेब बाजार में वजन के हिसाब से बेचने का निर्णय लिया गया है, लेकिन अगर कोई ऐसा नहीं करता तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
बागवानी मंत्री ने कहा हिमाचल प्रदेश अपने सेब के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है. हिमाचल का सेब जहां अपने स्वाद के लिए जाना जाता है. वहीं इसके सह-उत्पादों की भी बाजार में मांग है. उन्होंने कहा प्रदेश सरकार ने बागवानों के हित को ध्यान में रखते हुए यूनिवर्सल कार्टन की बजाय वजन के हिसाब से सेब की बिक्री का निर्णय लिया है. इस निर्णय से बागवानों, आढ़तियों तथा अन्य हितधारकों के अधिकार भी सुरक्षित होंगे.
उन्होंने कहा प्रदेश सरकार बैठक के दौरान प्राप्त उचित सुझावों को लागू करने पर विचार करेगी, लेकिन सरकार अपने निर्णय के अनुसार वजन के हिसाब से सेब की बिक्री के मामले में पीछे नहीं हटेगी. प्रदेश के कानून के संबंध में किसी को भी निराधार टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी व्यवस्थाएं समय पर पूरी की जा रही हैं और पारदर्शिता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं. बैठक के दौरान बागवानों, आढ़तियों, लदानियों तथा अन्य स्टेक होल्डरों ने सर्वसम्मति से प्रदेश सरकार द्वारा वजन के हिसाब से सेब की बिक्री के निर्णय का स्वागत किया इस पर अपना सहयोग जताया.
ये भी पढ़ें:CM सुक्खू ने शिमला में अधिकारियों के साथ की बैठक, सेब सीजन की शुरुआत से पहले सड़कें बहाल करने के निर्देश, मशीनरी के लिए 50 करोड़ रुपये स्वीकृत