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चंबा के मोतला गांव से मलबा न हटाने पर हाईकोर्ट सख्त, पीडब्ल्यूडी के अफसरों को लगाई फटकार, तलब किया शपथपत्र

चंबा जिला के मोतला गांव से मलबा नहीं हटाये जाने पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग के अफसरों को फटकार लगाते हुए विभाग के अफसरों से निजी शपथपत्र भी तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 26 जून को होगी.

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Published : Jun 15, 2023, 11:24 AM IST

Himachal High court news
शिमला हाईकोर्ट

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने चंबा जिला के मोतला गांव से मलबा न हटाने पर लोक निर्माण विभाग के अफसरों को फटकार लगाई है. अदालत ने इस मामले में विभाग के अफसरों से निजी शपथपत्र भी तलब किया है. हाईकोर्ट ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता व अधिशाषी अभियंता से एक सप्ताह में निजी शपथपत्र दाखिल करने को कहा है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने अब इस मामले की सुनवाई 26 जून को निर्धारित की है.

मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने लोक निर्माण विभाग के अफसरों से पूछा है कि उन्होंने सडक़ बनाने वाले ठेकेदार के खिलाफ क्या एक्शन लिया है. इस मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चंबा ने अदालत में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है. प्राधिकरण की रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद अफसरों से शपथपत्र मांगा गया है. प्राधिकरण ने अपनी रिपोर्ट के माध्यम से अदालत को बताया गया था कि 9 जून 2023 को एक टीम ने मोतला गांव का निरीक्षण किया है.

निरीक्षण के दौरान एसडीएम और खंड विकास अधिकारी भटियात, तहसीलदार सिहुंता और वन विभाग के अधिकारी मौजूद थे. सभी विभागों के संयुक्त निरीक्षण में पाया गया कि स्कूल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और मोतला गांव के आसपास भारी मात्रा में मलबा पाया गया. इस मलबे से घरों और गौशालाओं को भारी नुकसान हुआ है. यही नहीं, पानी के टैंक को भी नुकसान होने की आशंका है. मौके पर मौजूद गांव वालों के बयान भी दर्ज करवाए गए. कई घरों में अभी तक भी मलबा भरा हुआ है. लोगों ने उन घरों को अब छोड़ दिया है.

मामले की पिछली सुनवाई के दौरान वन विभाग ने स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से अदालत को बताया था कि जुलाई 2021 और अगस्त 2022 में भारी बारिश के कारण मोतला गांव में मलबा जमा हो गया था. उसे बाद में लोक निर्माण विभाग ने हटा दिया है. अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चंबा से इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए थे. प्राधिकरण की रिपोर्ट में पाया गया कि मलबा अभी भी मौजूद है.
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