शिमला: प्रार्थी के अनुसार आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर द्वारा चार जुलाई को जारी यूओ नोट को आधार बनाकर उसे मौजूदा स्थान से 400 किमी दूर सिरमौर जिला के शडियार में भेज दिया गया. न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह पाया कि स्थानांतरण आदेश आईपीएच मंत्री द्वारा जारी डीओ नोट के आधार पर किया गया है, जबकि हाईकोर्ट द्वारा विभिन्न मामलों में पारित निर्णयों के दृष्टिगत डीओ नोट के आधार पर जारी स्थानांतरण आदेश कानूनन मान्य नहीं है.
IPH मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के आदेशों पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, अध्यापक का सिफारशी तबादला रद्द
प्रदेश हाईकोर्ट ने आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की सिफारिश पर किये गए तबादले के आदेशों को रद्द कर दिया है. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ब्रांग धर्मपुर जिला मंडी के प्रधानाचार्य ने याचिका के माध्यम से तबादले के आदेशों को चुनौती दी थी.
याचिकाकर्ता के अनुसार उसने सितंबर 1994 में शिक्षा विभाग में बतौर लेक्चरर सेवाएं शुरू की और अभी तक लगभग 11 विभिन्न स्थानों पर अपनी सेवाएं दीं. 25 जुलाई को उसे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ब्रांग धर्मपुर जिला मंडी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला से शडियार जिला सिरमौर के लिए स्थानांतरित किया गया था. प्रार्थी के अनुसार आईपीएच मंत्री ने प्रधानाचार्य नेक राम को उसके स्थान पर एडजस्ट करने की मंशा से उसे 400 किलोमीटर दूर भेजा.
न्यायालय ने मामले के रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद यह पाया कि इस स्थानांतरण के लिए डीओ नोट शिक्षा सचिव को भेजा गया था. न्यायालय ने पाया कि स्थानांतरण आदेश पूरी तरह से राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते किये गए हैं और हाईकोर्ट द्वारा पारित निर्णय के मुताबिक इस तरह के स्थानांतरण आदेशों को कानूनी तौर पर कोई मान्यता नहीं है. न्यायालय ने स्थानांतरण आदेशों को कानून के विपरीत पाकर रद्द कर दिया.