शिमलाः हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को सोलन जिला के सनवारा स्थित टोल प्लाजा में टोल टैक्स वसूलने से जुड़े मामले में राज्य व केंद्र सरकार सहित नेशनल हाईवे अथॉरिटी को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि सभी संबंधित जनहित से जुड़े इस मामले में अपना जवाब दाखिल करें.
22 जून को होगी अगली सुनवाई
साथ ही अदालत ने मामले में अगली सुनवाई 22 जून को निर्धारित की है. गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से आग्रह किया कि इस बीच अंतरिम राहत देते हुए टोल प्लाजा पर टोल टैक्स जमा करने से छूट दी जाए. इस पर कोर्ट कहा कि अंतरिम राहत उत्तरदाताओं का जवाब आने के बाद विचार किया जाएगा. चूंकि अब हाईकोर्ट ने टोल फीस को लेकर कोई अग्रिम आदेश पारित नहीं किए हैं, लिहाजा अब पहले की तरह फिर से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया टोल फीस वसूल कर सकेगी. वहीं, हाईकोर्ट ने 1 जून को पारित अपने पहले आदेश में 2 जून तक टोल टैक्स वसूली पर रोक लगा दी थी. न्यायमूर्ति रवि मलिमथ और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह आदेश जनहित याचिका पर पारित किया. इस मामले में प्रार्थी ने टोल प्लाजा को स्थापित करने पर सवाल उठाए हैं.
प्रार्थी के अनुसार सनवारा में टोल प्लाजा अवैध है और ये नियमों के खिलाफ है. राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 के अनुसार कोई भी टोल प्लाजा नहीं हो सकता है. इसमें 60 किलोमीटर की दूरी के भीतर एक ही खंड में अन्य टोल प्लाजा चंडीमंदिर, जिला पंचकुला में स्थित है. ऐसे में जिला सोलन के परवाणू में 60 किलोमीटर के भीतर जो टोल प्लाजा बनाया गया है, वो नियमों के खिलाफ है. प्रार्थी ने यह भी आरोप लगाया है कि एनएचएआई ने 95 प्रतिशत कार्य परवाणू-सोलन रोड पूरा बताते हुए मेसर्स जीआर इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स को गलत और मनमाने ढंग से कंपटीशन सर्टिफिकेट जारी किया है.