शिमला:राज्य सरकार सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड को दिए गए तीन बिजली प्रोजेक्ट टेकओवर करना चाहती है. इस मामले में एसजेवीएनएल ने हाईकोर्ट का रुख किया. गुरुवार को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश जारी किए कि वो सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के विरुद्ध कोई सख्त कदम न उठाए. उल्लेखनीय है कि एसजेवीएनएल केंद्र सरकार की मिनी नवरत्न कंपनी है और इस केंद्रीय उपक्रम की हिमाचल सरकार के साथ रॉयल्टी को लेकर खींचतान चल रही है. मामले की सुनवाई के दौरान सतलुज जल विद्युत निगम की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले के हाईकोर्ट में लंबित रहते हुए भी हिमाचल सरकार केंद्र की सरकार के तीन उपक्रमों को टेकओवर करने की तैयारी में है. वहीं, राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि वह केंद्र सरकार के संबंधित प्रतिनिधियों से एक बार फिर रॉयल्टी को लेकर ही बातचीत करने जा रहे हैं.
राज्य सरकार ने अदालत में बताया कि इस मामले को आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास किया जाएगा. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार की ओर से अदालत में दिए गए वक्तव्य के बाद एसजेवीएनएल के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई न करने के आदेश जारी किए. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अब इस मामले पर सुनवाई 13 मार्च को निर्धारित की है.