शिमला: एनजीटी के आदेशों के बाद देश के कई राज्यों ने पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है. एनजीटी ने हिमाचल सरकार को भी पत्र लिखा है और जवाब मांगा है. मामले की सुनवाई सोमवार को होनी है. हालांकि हिमाचल की स्थिति अन्य राज्यों की अपेक्षा काफी अच्छी है.
कुछ एक शहरों को छोड़ कर वायु की गुणवत्ता काफी अच्छी है. प्रदेश के सात शहरों पांवटा साहिब, नालागढ़, बद्दी, परवाणू, सुंदरनगर, डमटाल और कालाअंब में प्रदूषण की मात्रा ज्यादा है. ऐसे में इन शहरों में ही पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है.
ये सभी क्षेत्र उद्योगिक क्षेत्र हैं. जिसके चलते वायु प्रदूषण की मात्रा ज्यादा है. अभी तक प्रदेश सरकार की ओर से राज्य प्रदूषण बोर्ड से इसको लेकर कोई जवाब नही मांगा गया है, लेकिन बोर्ड ने सात शहरों में ही प्रदूषण की मात्रा ज्यादा होने की बात कही है.
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि बोर्ड हर रोज प्रदेश के 11 शहरों की वायु की मॉनिटरिंग करता है. प्रदेश में सात शहर ऐसे है जहां वायु प्रदूषण ज्यादा है. जिसमें काला अंब में सबसे ज्यादा प्रदूषण चार नवंबर को पाया गया है. पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एनजीटी ने भी रिपार्ट मांगी है, लेकिन सरकार की ओर उनसे इस सम्बंध में कोई जवाब नही मांगा गया है.
इस पर एनजीटी सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा. उन्होंने कहा कि पटाखों से वायु प्रदूषण ज्यादा होता है जिससे ईयर क्वॉलिटी में असर पड़ता है और जैसे आज कल कोरोना संक्रमण फैला हुआ है तो कोरोना मरीजों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.
उन्होंने लोगों से इस बार दिवाली पर कम पटाखे जलाने का अहवान किया. मनाली की हवा सबसे ज्यादा शुद्ध हिमाचल की बात करें तो मनाली की हवा सबसे अच्छी है. शिमला धर्मशाला की स्थिति भी काफी अच्छी है, लेकिन औद्योगिक क्षेत्रों में हवा में जहर घुल रहा है.